माया अंजेलो की कवितायें

माया अंजेलो/ अनुवाद : विपिन चौधरी

1. न्यूयार्क में जागरण

पर्दे,

हवा के खिलाफ
अपनी जंग छेड़ रहे हैं,

बच्चे परियों से
सपनों का आदान-प्रदान करते हुए
नींद ले रहे हैं.

शहर ख़ुद को जगा कर
मेट्रो की पट्टियों पर खींच लाया है

भोर तक लेटी हुयी आशातीत और असावधान मैं,
युद्ध की अफवाह में बजी अलार्म सुन
जैसे  जाग उठती हूँ

2  फ़रिश्ते की छुअन 


हम   जब  साहस के लिए अनभ्यस्त और
खुशियों से निष्कासित
अकेलेपन के घेरे में सिमटे रहते हैं

प्यार अपनी उच्च पवित्र मंदिर के रास्ते
तक
हमारी दृष्टि में आता है
जीवन में हमें आजाद कराने के लिए.

प्यार आता है
और अपनी गाड़ी में
खुशी की पुरानी यादें
दर्द के प्राचीन इतिहास को लाता है
यदि हम मजबूत हैं तो

प्रेम, भय की जंजीरों के हमलों को
हमारी आत्मा से दूर करता है
हम अपनी कायरता से निकलकर्
प्यार के प्रकाश की रौशनी में
बहादुर  हिम्मत से    देखते हैं

प्यार हम सभी को
किसी समय भी हो जाता है
यह केवल प्रेम ही है
जो हमें मुक्त करता है

3.  वे अपने घर चले गए 

वे अपने घर गए और अपनी पत्नियों को बताया
वे अपने जीवन में कभी एक जैसे नहीं रहे  कि,
क्या वे मुझ जैसी लड़की को जानते हैं
लेकिन … वे अपने घर गए

वे  कहने लगे मेरा घर इतना साफ़ है कि उसे चाटा जा सकता है
मेरा कुछ कहने का मतलब नहीं था,
मेरे करीब रहस्य की  हवा थी
लेकिन … वे अपने घर चले गए

मेरी तारीफ़  सभी पुरुषों की जुबां पर थी
उन्हें मेरी मुस्कान, मेरी बुद्धि, मेरे कुल्हे  पसंद  आये थे
वे  यहाँ एक  या दो या तीन रात बिताना चाहते थे
लेकिन …

4 ,अकेलापन 

कल रात

लेटे हुए मैं सोच रही थी

मेरी आत्मा को वह घर कैसे मिल सकता है

जहाँ जल, प्यासा  नहीं  है

और रोटी का टुकड़ा

पत्थर की मानिंद नहीं है

मैं यहाँ एक चीज़ के लिए आयी थी

और मुझे विश्वास है कि मैं गलत नहीं  हूँ

यह कारण है या कोई और,

लेकिन कोई भी

इस अकेलेपन को संभव कर सकता  हैं

अकेले, बिलकुल अकेले

लेकिन कोई

इस अकेलपन को गढ़ नहीं  सकता है

यहाँ  कुछ करोड़पति हैं जो अपने पैसे का प्रयोग  नहीं कर सकते

उनकी पत्नियाँ चुड़ैलों की तरह घूमती हैं

उनके बच्चे उदास गाना गाते हैं

उन्हें अपने पत्थर जैसे ह्रदयों के इलाज़ के लिए

महंगे डॉक्टर मिल गए हैं

लेकिन कोई नहीं

कोई भी नहीं

अकेले यहाँ से नहीं जा सकता

अब आप ध्यान से सुनो

जो कुछ भी मैं जानती हूँ मैं आपको बता दूंगी

तूफानी  बादल जमा हो रहे हैं

हवा  चलने ही वाली है

मनुष्य की प्रजाति पीड़ित है

और मैं, विलाप सुन रही  हैं

‘क्योंकि कोई नहीं,

लेकिन कोई भी

इसे अकेले में सुन  सकता  हैं.

अकेले, बिलकुल अकेले

कोई भी, लेकिन कोई

इसे अकेले में संभव कर सकता है

5. बेचारी लड़की 

मैं जानती हूँ

तुम्हें दूसरा प्रेम मिल गया है

जिसे आप प्रेम करते हो

वह मुझ जैसी है

तुम्हारे शब्दों पर इस तरह लटकती है जैसे हो वो सोना

वह सोचती है कि उसने तुम्हारी आत्मा को समझ लिया है

बेचारी

मुझे जैसी लड़की

मैं जानती  हूँ

तुम एक और दिल को तोड़ रहे हो

और कुछ भी नहीं कर सकती

यदि मैं उसे बताने की कोशिश करूँ

कि मैं क्या जानती हूँ

वह मुझे गलत समझेगी

और मुझे जाने को कहेगी

बेचारी

मुझ जैसी लड़की

और मैं यह जानती हूँ

तुम  उसे भी छोड़ने  जा रहे हो

और मैं यह जानती  हूँ

वह कभी  नहीं जान पाएगी

तुम जाने को क्यों मजबूर हुए

वह रोई और आश्चर्यचकित हुई

कि क्या कुछ गलत हुआ

तब  वह  फिर से गीत की शुरूआत करेगी

बेचारी मुझ जैसी लड़की

माया अंजेलो

माया अंजेलो ब्लैक कविता की सशक्त हस्ताक्षर हैं, वे पिछले 28 तरीख को उनका परिनिर्वाण हुआ. विपिन चौधरी हिन्दी कविता में एक मह्त्वपूर्ण युवा उपस्थिति हैं.

विपीन चौधरी

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ISSN 2394-093X
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