महिला विरोधी बिल में क्या लिखा है?
CII के बिल के मुताबिक, महिलाएं हिजाब न पहनें, अजनबियों से बात करें, ज्यादा ऊंची आवाज में बोलें और शौहर की इजाजत के बिना किसी को पैसे दें तो शौहर पिटाई कर सकता है।
– यह भी कहा गया है कि महिला नर्सें पुरुष मरीजों का ध्यान नहीं रख सकतीं।
– प्राइमरी एजुकेशन के बाद लड़कियां को-एड स्कूलों में नहीं पढ़ सकतीं। महिलाएं किसी फौजी लड़ाई में हिस्सा नहीं ले सकतीं।
– वे विज्ञापन में काम नहीं कर सकतीं।
– महिलाएं फॉरेन डेलिगेशन का वेलकम नहीं कर सकतीं। वे पुरुषों से घुल-मिल नहीं सकतीं, अजनबियों संग घूमने-फिरने नहीं जा सकतीं।
कठमुल्लों के खिलाफ युवा पीढी |
इसके खिलाफ चल रहे कैम्पेन में महिलाओं ने क्या कहा :
डॉक्टर शगुफ्ता अब्बास ने लिखा , ‘मुझे पीटकर तो देखो| जो हाथ मुझ पर उठाओगे उसे तोड़कर अल्लाह के भरोसे छोड़ दूंगी|
ब्लॉगर सदिया अहमद लिखती हैं, ‘हमारा चैलेंज है पुरुष तो हमे अपने इंटीलेजिंस से पछाड़े| हम महिलायें सूरज की तरह है | हाथ लगाने की कोशिश की तो जलाकर राख कर दूंगी|’
फिजा रहमान लिखती हैं, ‘तुम मुझे घर में पिटोगे, मै तुम्हे लोगो के बीच ले जाकर पीटूंगी|’
अदिका लालवानी ने लिखा, ‘मुझे पीटने की कोशिश तो करके देखिये, मै तुम्हारे लिए तबाही बन जाउंगी |’
सुम्बुल उस्मान ने लिखा, ‘मुझ पर हाथ भी उठाया तो तुम अगली सुबह देखने के लिये जिंदा नहीं बचोगे|’
प्रियंका पाहुजा ने लिखा, ‘मुझे ड्राईविंग का 7 साल का अनुभव है | ऐसी कोशिश की तो तुम्हे कार से रौंद दूंगी |’
संदस रशीद ने लिखा, ‘अगर मुझे पीटा तो तुम्हारी बाकि जिन्दगी दयनीय बना दूंगी और इसके लिये तुम खुद जिम्मेदार होगे|
सोशल मीडिया पर इस कैम्पेन को काफी समर्थन भी मिल रहा है|
पाकिस्तान की महिलाओं के ये दिलेर जवाब भारत सहित दुनिया भर के वैसे लोगों लोगों को चेतावनी भी है जो आज भी महिलाओं पर मर्दाना हुकुम को कुदरती मानते हैं .