प्योली ने आईजी एसआरपी कल्लूरी को संदेश भेजा कि “कृपया सुनिश्चित करें कि बेला भाटिया को अपने आवासीय परिसर छोड़ने के लिये मजबूर नहीं किया जाय. इस देश का कानून छत्तीसगढ़ पर भी लागू होता है. प्योली स्वातिजा के मुताबिक़ उनके इस संदेश के जवाब में आईजी कल्लूरी ने लिखा, “नक्सलियों को बस्तर से निकाल बाहर किया जाएगा.”
प्योली का कहना है कि इसके जवाब में जब उन्होंने पूछा, “आपके जवाब का मेरे सवाल से क्या लेना-देना है. कृपया आदिवासियों, एक्टिविस्ट्स, शिक्षाविदों और पत्रकारों का उत्पीड़न बंद कीजिए”, तो जवाब आया “एफ़ यू”.
बीबीसी हिन्दी रिपोर्ट के अनुसार जब बीबीसी ने जब इस संबंध में आईजी कल्लूरी से बातचीत की तो उनहोंने ये संदेश भेजने से साफ़ तौर पर इनकार तो नहीं किया पर कहा, “कोई अफ़सर ऐसा करता है क्या, और हमारे फ़ोन में भी कई संदेश हैं, हम भी रिपोर्ट कर रहे हैं, उन्हें भी रिपोर्ट करने दीजिए, हम साइबर एक्सपर्ट से पूरी जांच करवा रहे हैं.”
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बीबीसी से बातचीत में प्योली ने कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट में वकील हूं और दिल्ली में अपने सुरक्षित कमरे में बैठकर ये संदेश भेज रही थी, अगर वो मुझसे इतनी अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं तो ये बेहद ख़तरनाक है.” प्योली ने कहा कि वो फ़ोन से लिए स्क्रीन-ग्रैब के बल पर फ़ौजदारी मुक़दमा करेंगी और विभागीय जांच की भी मांग करेंगी.
गुनीत कौर और ईशा खंडेलवाल को अपने जवाबी संदेश में भी कल्लूरी ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है.
खबर स्रोत बीबीसी हिन्दी