बीएचयू की बेटियों को देश भर से समर्थन



बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्राओं ने छेड़छाड़ के खिलाफ पिछले कई घंटों से प्रदर्शन कर रही हैं. बीएचयू के कुलपति प्रधानमंत्री से अपने निजी संबंधों के लिए जाने जाते हैं. जब प्रदर्शन शुरू हुआ तो प्रधानमंत्री दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में थे, लेकिन लड़कियों के प्रदर्शन से घबडाये प्रशासन ने उनका रूट बदल दिया. वे स्याम भी  लड़कियों से मिलने नहीं पहुंचे. दरअसल चौराहे पर कुछ अज्ञात लड़कों ने बीएचयू की एक छात्रा को  तरफ हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा. इसके बाद उसके कपड़े फाड़ डाले एवं कपड़े के अन्दर हाथ भी डाला. जिससे घबड़ाई लड़की जब प्रशासन से शिकायत करने पहुँची तो प्रशासन ने भी उसपर अश्लील टिप्पणी की. अआक्रोषित लडकियां धरने पर हैं, प्रदर्शन कर रही हैं. देश भर से उन्हें समर्थन मिल रहा है. सोशल मीडिया में लोग उनकी हौसला आफजाई कर रहे हैं :

‘टच ही तो किया है न और कुछ नहीं किया न’ : प्रशासन के जवाब से आक्रोशित लडकियां 

प्रीति कुसम लिखती हैं: 

बीएचयू के नवीन गर्ल्स हॉस्टल का मामला, होती है छेड़छाड़,रात में खिड़कियों पर फेंके जाते है पत्थर,लड़के करते हैं अश्लीलता, गालीगलौज व MASTURBATION
#शर्मनाक
—————————————————————————–
दिन का सूरज डूबने से पहले ही बीएचयू के नवीन गर्ल्स हास्टल की लड़कियों के जीवन में सूर्यास्त हो जाता है। शाम के 6:30 बज़े हीे उन्हें 12 बिस्तरों के कमरों वाले हॉस्टल में सिर्फ इसलिए बंद कर दिया जाता है क्योंकि 800 करोड़ के बजट वाली यूनिवर्सिटी उनके लिए सुरक्षा और रास्ते में उचित प्रकाश की व्यवस्था नहीं कर सकती।

इन सबकेे बावजूद ऐसी घटनाएं सामने आयी हैं जो आपको बेचैन कर सकती हैं, बहुत बेचैन।
आए दिन आपने हॉस्टल जा रही छात्राओं को रास्ते में कुछ मनचलों द्वारा छेड़खानी और मोलेस्टेशन का सामना करना पड़ रहा है। हॉस्टल बन्द होने के बाद भी देर रात में कुछ लड़के हॉस्टल की खिड़कियों पे पत्थर मारते हैं, अश्लील इशारे करते हैं , खिड़कियों के सामने हस्तमैथून के साथ गालीगलौज कर रातभर परेशान करते हैं। लड़कियां बार बार इसकी शिकायत वार्डेन से लगायत प्रशासन के अन्य लोगों से करती आयीं हैं लेकिन इस गंभीर मामले पर भी हुक्मरानों में अजीब सी ख़ामोशी है।

यह घटनाएं बहुत पहले से चली आ रही है जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है, वार्डन मैम का कहना है कि लड़कियां अपनी खिड़कियों को खोलती ही क्यो है?
जानकारी के लिए बता दे हमारे बीएचयू के पास पर्याप्त सुरक्षाबल है जिसपर पानी की तरह पैसा बहाया जाता है। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने कहा है कि अगर उनके साथ कुछ गलत होता है तो उनके जिम्मेदार बोएचयू प्रशासन होगा।
आज नवीन गर्ल्स हॉस्टल की छात्राएं चीफ प्रॉक्टर और छात्र अधिष्ठाता से मिलकर अपनी समस्याओं को सामने रखा और हमेशा की तरह कुछ एक्शन होने की उम्मीद लेकर हॉस्टल गयीं थी।

क्यों कर रही हैं लडकियां पीएम मोदी का विरोध (!)

कमलेश वर्मा की फेसबुक टिप्पणी:

“जली ठूँठ पर बैठकर गयी कोकिला कूक
बाल न बाँका कर सकी शासन की बंदूक”

बीएचयू से सेवानिवृत्त प्रोफेसर चौथीराम यादव ने लिखा: 
जब आँचल परचम बन जाय
तो इंकलाब होता है!
खुदा चाहे या न चाहे
मामला आर-पार होता है।
जय हो,जोहार हो,लड़ाई आर-पार हो।

अनुपमा यादव लिखती हैं:

ये तो गज़ब तमाशा हो गया कभी बीएचयू से सफ़र सुरु करने वाले आज बीएचयू से दूर दूर भाग रहे है।कहीं बेटियाँ न्याय न मांग ले,,
#ढोंगी_मोदी

स्त्रीकाल का प्रिंट और ऑनलाइन प्रकाशन एक नॉन प्रॉफिट प्रक्रम है. यह ‘द मार्जिनलाइज्ड’ नामक सामाजिक संस्था (सोशायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर्ड) द्वारा संचालित है. ‘द मार्जिनलाइज्ड’ मूलतः समाज के हाशिये के लिए समर्पित शोध और ट्रेनिंग का कार्य करती है.
आपका आर्थिक सहयोग स्त्रीकाल (प्रिंट, ऑनलाइन और यू ट्यूब) के सुचारू रूप से संचालन में मददगार होगा.
लिंक  पर  जाकर सहयोग करें :  डोनेशन/ सदस्यता 

‘द मार्जिनलाइज्ड’ के प्रकशन विभाग  द्वारा  प्रकाशित  किताबें  ऑनलाइन  खरीदें :  फ्लिपकार्ट पर भी सारी किताबें उपलब्ध हैं. ई बुक : दलित स्त्रीवाद 
संपर्क: राजीव सुमन: 9650164016,themarginalisedpublication@gmail.com

Related Articles

ISSN 2394-093X
418FansLike
783FollowersFollow
73,600SubscribersSubscribe

Latest Articles