पतनशील पूर्वप्रेमिका कंगना हाज़िर हो !

नीलिमा चौहान


पेशे से प्राध्यापक नीलिमा ‘आँख की किरकिरी ब्लॉग का संचालन करती हैं. प्रकाशित पुस्तकें: पतनशील पत्नियों के नोट्स, ‘बेदाद ए इश्क’ (संपादित) संपर्क : neelimasayshi@gmail.com.

कंगना का हालिया अदालती बयान मुल्क के क्यूट सिली एक्स लवरों  के हाइस्पीड मर्दाना गुरूर पर ज़बरदस्त ब्रेक हैं । दानिशमंद जमात के लिए प्रेम , परम्परा और विद्रोह जैसे उलझाऊ विषय पर बौद्धिक व्यायाम करने का एक और बहाना है । प्रेमरत प्रेमिकाओं के लिए अपने  प्रेम और प्रेम में अपनी वलनरेबिलिटी को पहचानने का मौका है । इश्क के दाग़ , पीड़ा और अपराध बोध के रेडीमिक्स सायनाइड को चखने के लिए प्रोग्राम्ड हिंदुस्तानी पूर्वप्रेमिकाओं के लिए फिल्म जगत का एक गैरफिल्मी उदाहरण है । रामादि के प्रेम आदर्श से पतित  होकर सीधे तेजाबादि से प्रेमिकाओं का अभिषेक करने रीत की पर हश हश करने वाले मुल्क का 440 वोल्ट के करंट से गुज़रना है ।


ओहो कंगना डियर ! तुमको मालूम होना चाहिए कि जिसे तुम प्रेमी का जुर्म कहने पर आमादा हो वह तो हमारे मुल्क के ‘ मर्दाना लव कंडक्ट मैनूअल’  में उल्लिखित टोटके वाली टिप्स भर है । एक मान्य और मामूली से सबक का प्रेमिका प्रताड़ित अनाड़ी प्रेमी द्वारा बरतना भर है । इस मुक्ल की प्रेम करने वालियाँ ये बात बखूबी जानती होती हैं कि इस विरासती ज्ञान को अमल में लाकर आदर्श भारतीय  प्रेमी अपने घाव ,हार , हताशा  से फौरी निजात पाता होता है । अपने जलते हुए अहम की आतश को बुझाना उसका इंतिखाब नहीं उसकी मजबूरी हुआ करती है । सारा मुल्क जानता है कि चोटिल मर्दाना अहम अगरचे तुरंत एसे इलाज न पाए तो नासूर बनकर बनकर जमात तक के लिए खतरा बन सकता है । तुम्हारे पास एक अच्छा मौका था सो तुम सज़ायाफ्ता पूर्वप्रेमिका की तरह हाथ बाँधे खड़ी रहतीं और  ट्रेजिडी क्वीन कहलातीं । सहानुभूति के सिक्के बटोरतीं और निजी को निजी रहने देकर इस ज़लज़ले की आमद को रोक लेतीं । तुमने जमात को खेमों में बँटने का असबाब दिया और घरबारी रसूखदार  लोगों को अपनी बेवजह की ज़िद के चलते लामबद्ध होने को मजबूर किया ।   मुल्क के  ध्यान और ताकत को एक ज़नाना मसले की ओर लगाने का फसाद किया ।

तुमने कोई आम प्रेमी चुना होता तो जानतीं  कि इश्क में हुई ज़नाना खता की जमात द्वारा मुकर्रर सज़ाएं कितनी खूंख्वार भी हुआ करती हैं । इश्क के फेर में पड़कर एक आम माशूका की तरह तुमने भी अपने प्रेमी के नाम खतो किताबत , शेरो शायरी की। अपने निजी लम्हों को  कैमरे में कैद कर लिए जाने की बेपरवाही दिखाई। औरतों के सबसे बड़े  जासूस वर्चुअल जगत पर अपने यार से इश्क के सबूत छूट जाने दिए । इस सबसे यही साबित होता है कि तुम पेशतर ही अगले बंदे के नाज़ुक ईमान पर अपनी उम्मीदों का भारी  बोझ लादने की बेशर्मी से भरी हुईं थीं । कँगना डियर आज तुम्हारे द्वारा खेले जा रहे पूर्वप्रेमिका वाले पैंतरे यही साबित करते हैं कि तुम बतौर  प्रेमिका भी कैसी हिसाबफहम रही होंगी । खालिस प्यार न करके तुम बुनियादी रिश्ते बनाने  की फिराक में रहने वाली दूरंदेशी दिखाकर अपने प्रेमी को  उलझन में डालती रही होंगी । जिस मुल्के में हर गली के नुक्कड पर बेज़ुबान प्रेमिका बनने को  बेकरार लड़कियाँ  पाई जाती हैं उस मुल्क के सबसे एलिजिबल प्रेमी के सामने ज़ुबान ही नहीं दिमाग मौजूद होने के सबूत देने से भी तुम बाज़ न आई होंगी । प्रेमी से अपने रिश्ते को अपनी नज़रों से देखने तौलने ,परखने , सँवारने का लालच दबाकर रखना भी तुमको आया न होगा । प्यार को वफा- जफा , कानून- वानून , नैतिकता- वैतिकता  के तराज़ू  पर तोलने वोलने की फिराक  में कूद – कूदकर , अपनी औरताना राय जता- जताकर प्रेम के रस में रेत घोलने का करम किया होगा । क्या हमें कैसे मालूम ? अरे भई हर मूर्ख प्रेमिका यही खता तो किया करती है । यह नहीं कि प्रेम के वक्त  पर बस प्रेम करे और दिल की बातों में दिमाग को आने से रोके रहे । तुमने भी हर हिंदुस्तानी  प्रेमिका  की तरह प्रेम से ज़्यादा प्रेम के भविष्य के बारे में सोचा होगा । मिलते हुए तात्कालिक प्रेम की बजाय संभावित सार्वकालिक प्रेम की आस बाँधी होगी । एक पत्नी और एक प्रेमिका की उम्मीदों के उँचे पहाड़ से बँधी रस्सी पर चलते आशिक को अपने बजाय अपने मज़बूत प्रेम से सम्बल देने के तुमने  उंगलबाज़ी की होगी ।



हे कंगना रनौत ! तुम्हारे हौसले के पीछे छिपी तुम्हारी जुगाड़बाज़ी की कारस्तानी पर तुम खुद भी कुछ बोलोगी या पहले से अतिव्यस्त जनता के ज़ेहन पर एक्स्ट्रा लोड डालकर तमाशाबीनी करोगी ? जनता जानना चाहती कि एक शादीशुदा , रसूखदार , अमीरज़ादे से तुम्हारा इश्क भावनाओं का लोचा भर है या किसी और बेहतर ऊँचाई पर पहुँचने के लिए सीढ़ी  का इंतज़ाम करना था। बतौर एक हारी हुई प्रेमिका के लगाए हुए इल्ज़ाम तुम्हारे उसी सिरफिरेपन का नतीज़ा तो नहीं जिसका पता तुम्हारे  प्रेमी ने मुल्क को पेशतर ही दे दिया था । ए लडकी ! तुम नहीं जानती क्या कि हमारे यहाँ की तमाम  प्रेमिकाएँ प्रेम में  हारते ही जज़्बाती हो जाती हैं और जो इंतकामी हो जाती हैं वो आखिरकार पागल करार दे दी जाती हैं । इंतकाम की आग में जलने वाली तुम्हारी जैसी होशोगुल प्रेमिकाएँ प्रेमी समेत उसके पूरे खानदान को सूली पर लटकवाने की हर नामुमकिन कोशिश करती हैं । इस जुनून के  लिए ये पूर्वप्रेमिकाएँ खुद का  अमन- चैन- इज़्ज़्त सब कुछ दाव पर लगाकर मोटा  हर्ज़ाना पाने की बड़ी  जंग लड़ने में जुट जाती हैं । कितना समझा लो , डरा लो धमका लो । बुढ़ा भले जाएँ पर हार नहीं मानती होतीं । बिचारा चोट खाया प्रेमी सीधे रास्ते पर चलकर नयी गृहस्थी बसाना चाहे |  बूढ़े  पिता के जवान रसूख के दम पर अपना डूबता हुआ नाम बचाना चाहे | पुरानी पत्नी के नये बयानात से खुद को पाक दिल का कहलवाना चाहे | पर्दे के पीछे बुलवाकर कुछ हर्ज़ाना देकर मामला रफा दफा करना चाहे |  आस पास के नेकदिल परोपकारी  सामाजिकों से कहलवाकर  गुस्ताख़ प्रेमिका  को  ‘ कर भला हो भला’  का पाठ पढ़वाना चाहे । पर न जी । तुमारे जैसी अड़ियल प्रेमिका अपने नेक इरादा पूर्व प्रेमी को डुबोने की ज़िद पर टिकी ही रहती है । प्रेमी को स्वरक्षा में खुलासे दर खुलासे करने पर मजबूर किया करती हैं । बात से बात निकलवाकर अपना आगा- पीछा सबका बेड़ा  गर्क किए डालती है । एक बेचारा प्रेमी बस सुधरना ही चाहता है बस पर उसकी इतनी सी आस को  दुत्कारकर माफी , न्याय ,बदला जैसे जाने क्या- क्या हिंसक सपने पाले चलती है ।


ऐ लड़की ! तुम सिरफिरी- बददिमाग प्रेमिका न होतीं तो एक आदर्श भारतीय पूर्वप्रेमिका दिखने की कोशिशों को अंजाम देना जानती होती । तुम थकी और हारी दिखतीं धोखे और सदमे की शिकार दिखतीं । चार लोगों के बीच आठ आसूँ बहाकर अपनी बेगुनाही , बदनसीबी, बदहाली के हवाले पेश करतीं । इश्क करने में लगी न रहकर तुमने भी अपने तम- मन- धन आशिक को सुपुर्द कर देने की लाचारी के सुबूत जुटाकर रखे होते । इस तरह से  तुम लोक की क्षणिक सहानुभूति सहेजकर एक कुर्बान प्रेमिका के शाश्वत खोल में जा रहतीं । ताउम्र इस वहम के सहारे सब्र कर रहतीं कि चंद पलों को ही सही एक हीरो को दुनिया के दिल ने ज़ीरो की तरह कोसा होगा । हाँ जनाब आपने ठीक फरमाया कि दौलत शोहरत का ठीकठाक मकाम हासिल कर चुकी लड़की से एक आम हिंदुस्तानी ज़नानी जैसे व्यवहार की आपको कतई उम्मीद न थी । ‘ प्यार जज़्बात वादे शादी’  के फॉर्मूले पर जीकर सफल हो गई लड़कियों पर यह इल्ज़ाम नहीं बनता । पर जनाब इस फार्मूले पर चलकर मुँह की खाने वाली लड़की को जवाब देना बनता है कि समर्थ पुरुष को प्रेमी बनाने का जाल फैलाने का दुष्कर्म करने की जुर्रत की तो की कैसे तुमने ? बोलो कंगना ?

ओह ! तुम तो अपनी फिल्मों के किरदारों की सीखी सिखाई बदलगाम हंगामाखानम निकलीं । बदहाल बदहवास छोड़ी  हुई प्रेमिकाओं के स्यापे का स्वाद लेने के ख्वाहिश्मंदों को कैसा निराश किया तुमने पगली !  अपने नाकाम रिश्ते को छिपाने के बजाय उसके होने की अकुंठ हामी भरने वाली |  अपने पर आती हुई तोहमतों के तूफान में भी भरे पर्दे पर विचलित हुए बिना टिक जाने वाली । बेधड़क । बेबाक । उन्मुक्त और सहज । अतीत से नाशर्मिंदा । आगत के लिए बेखौफ । दूसरे पाले में तमाम ताकत को पाकर भी अपने पाले में भीड़ की परवाह से आज़ाद । सही कहा किसी भी औरत का ऎसा सिरफिरापन लोहे की दीवार पर अपना सर खुद मारने दौड़ना नहीं  तो और क्या है ? अपनी शोहरत और सुखमय जिंदगी को खुद दीवार में चिनवाने के माफिक है । जनाब आपको वहशत इसलिए बढ़ी  हुई है क्योंकि आप जानते होते हैं कि अपना सब कुछ दाव पर लगा देने वाली औरत से खतरनाक और कुछ नहीं होता । इश्क गँवाकर और इज़्ज़्त के फलसफे को पैरों तले कुचलकर चलने वाली औरत के बेपरवाह कदमों तले और क्या- क्या कुचला जा सकता है इसका अंदाज़ा आपको बखूबी है । आप जानते हैं कि ज़बान की तमाम लगामों को खारिज कर चुकने वाली औरत जब बोलती है तो बहुत मुमकिन है कि ऊंचे शिखरों की जड़ में पलीता लगाने की गुस्ताख़ी करने में भी मज़ा लेने लग सकती है । प्रेम, ईनाम,  जुगाड़,  छवि, भविष्य , सपनों वगैरह को अपनी देह से गर्द की माफिक झाड़कर उठती प्रेमिका । उफ गश खा रहे हैं आप तो ? अजी आप उसकी तमाम तकरीरों का तोड़ पेश कर सकते हैं । आप इस प्रेमिका की हर दलील में  कोई झूठ , कोई पैंतरा तलाश सकते हैं । पर आप डर से पार जा चुकी पूर्व प्रेमिका के औरा से सपने में भी निजात पा नहीं सकते ।


पसोपेश में आप इसलिए हैं क्योंकि आपने पूर्व प्रेमिकाओं के लिए एक घरों के तहखानों में एक अंधेरा कोना एलॉट किया हुआ था । जहाँ प्रेम में छोड़ी हुई लड़कियाँ जीभर रो तड़प सकती थीं या अपनी कलाई काटकर मरण का वरण कर सकती थीं । ऊपर  के माले पर दीवान ए खास में अपनी आराम कुर्सी में जमकर बैठी , ठठाकर हँसती और सपने बुनती हुई पूर्वप्रेमिका देखकर मायूस ही नहीं जड़वत हैं आप । सिरफिरे साहस के मर्ज़ बनने ,  महामारी की तरह फैल जाने और फिर प्रेम में हारी हुई  औरतों  के इम्यून हो जाने से अपनी आधी मर्दाना ताकत खो देने वाले हैं आप ।


ऎसी खरपतवार की मानिंद यहाँ- वहाँ मत पूछो कहाँ- कहाँ उगती हुई पूर्वप्रेमिकाओं को आप नया नाम न देना चाहेंगे ?
हा हा ! हुज़ूर !  बजा फरमाया आपने ये हैं पतनशील पूर्वप्रेमिकाएँ ।

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