अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
सामाजिक क्रांति के लिए आवश्यक सावित्रीबाई फुले के महत्वपूर्ण दस्तावेज
जहां ईश्वर है और अन्य कविताएं (वीरू सोनकर)
स्त्रीवाद की ` रिले रेस `में रमणिका गुप्ता का बेटन
स्त्रीकाल द्विमासिक ई जर्नल (शोध), अंक 27-28 ( दिसम्बर मार्च )
दुश्मनी से परे जन की बात: पाकिस्तानी जनांदोलन की किताब
महिलाओं को संसद में होना ही चाहिए : वेंकैया नायडू
“आम औरत की दैहिक या मानसिक यातना के लिए दहकते सवाल“
स्त्रीकाल (अक्टूबर-दिसंबर) पढ़ें नॉटनल पर
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा