न्यायपालिका में यौन शोषण का मामला पहला नहीं है और न्याय नहीं हुआ तो...
समाचार है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने खिलाफ़ यौन उत्पीड़न की जाँच, न्यायमूर्ति बोबड़े को सौंप दी है। न्यायमूर्ति बोबड़े ने आंतरिक समिति में, न्यायमूर्ति एन. वी.रमन्ना और इंदिरा बनर्जी को रखने का फैसला लिया है। काश! यह फैसला शनिवार को ही ले लिया गया होता, तो कितना बेहतर होता। किसी को यह नहीं लगता कि मीडिया, सुप्रीम कोर्ट बार या किसी और दबाव-तनाव में लिया फैसला है। खैर... न्यायिक विवेक जागा तो सही, भले ही थोड़ी देर से।
यौन-उत्पीड़न की जांच आरोपी मुख्य न्यायाधीश ही कैसे कर सकते हैं!
उनका ये कदम न्याय की मोटी से मोटी समझ रखने वाले के लिए भी पचाना इसलिये मुश्किल है कि कोई आरोपी अपने ही खिलाफ दर्ज शिकायत की सुनवाई कैसे कर सकता है? यदि ये बेंच गठित की गयी तो इस बेंच में किसी महिला न्यायाधीश को क्यों नहीं रखा गया? विशाखा एक्ट के तहत ऐसे किसी भी मामले की सुनवाई के लिये बेंच में महिला न्यायाधीश का होना या मेजॉरिटी में महिलाओं का होना जरूरी है.मुख्य न्यायाधीश की ये हड़बड़ी क्या कहती है?
धारा 377 की मौत और पितृसत्तात्मक विमर्श पद्धति
जया निगम
जेंडर से जुड़े बहुत सारे कानूनी मसलों पर भारत में चल रही कानूनी लड़ाईयों पर पितृसत्तात्मक बुद्धिजीवियों का विश्लेषणात्मक रवैया कुछ ऐसा है...
यौन स्वतंत्रता, कानून और नैतिकता (अरविन्द जैन)
वर्तमान भारतीय समाज का राजनीतिक नारा है 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', मगर सामाजिक-सांस्कृतिक आकांक्षा है 'आदर्श बहू'।वैसे भारतीय शहरी मध्य वर्ग को 'बेटी नहीं...
कुछ यूं आयी धारा 497:ऐतिहासिक संदर्भों में ऐडल्ट्री
लाल बाबू ललित
जब हम ऐडल्ट्री शब्द की बात करते हैं तो सामान्य अर्थों में इसका मतलब होता है दो विपरीतलिंगी व्यक्तियों के बीच अमान्य...
मेरा एक सपना है ! (मार्टिन लूथर किंग का उद्बोधन,1963)
मार्टिन लूथर किंग, जूनियर
प्रस्तुति और अनुवाद : यादवेन्द्र
‘मेरा एक सपना है’, 1963 में वाशिंगटन मार्टिन लूथर किंग, जूनियर द्वारा दिया गया प्रसिद्द भाषाण है, जो उन्होंने...
लहू की अपवित्रता को संवैधानिक झटका: सबरीमाला मंदिर में महिलाएं कर सकती हैं प्रवेश
स्त्रीकाल डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने आज सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर ऐतिहासिक निर्णय देते हए मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं...
राजनीति का अपराधीकरण और अपराध का राजनीतिकरण
अरविंद जैन
सुप्रीम कोर्ट के पाँच न्यायमूर्तियों (दीपक मिश्रा, नरीमन खानविलकर, धनन्जय चंद्रचूड, इंदु मल्होत्रा) की संविधान पीठ का निर्णय (25.9.2018) है कि अदालत उन...
मुजफ्फरपुर यौन-शोषण मामले में जांच की धीमी गति: सुप्रीम कोर्ट करेगा निगरानी, हटाया मीडिया...
सुशील मानव
बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में बच्चियों से बलात्कार के मामले में जांच की गति और दिशा असंतोषजनक है. सुप्रीम कोर्ट को...
सुप्रीम कोर्ट का दहेज़ संबंधी निर्णय यथार्थ की जमीन पर
अरविंद जैन
पिछले दिनों अपने ही एक निर्णय को पलटते हुए सुप्रीमकोर्ट ने दहेज़ के मामलों में जो नयी व्यवस्था दी है, वह स्वागत योग्य...