हम चार दशक पीछे चले गए हैं :
आयडवा और पी यू सी एल की अपील
( याद होगा कि महिला आंदोलनों की वजह से महिलाओं के खिलाफ उत्पीडन को लेकर क़ानून सख्त...
दाम्पत्य में ‘बलात्कार का लाइसेंस’ असंवैधानिक है
अरविन्द जैन
( भारत में नैतिकता और परिवार की पवित्रता और निजी दायरे की आड में विवाह के भीतर बलात्कार के खिलाफ कानून बनाने के...
मनुवादी न्याय का शीर्ष तंत्र
( भगाणा की दलित लड्कियों के साथ बलात्कार के खिलाफ साथियों ने आन्दोलन छेड ही रखा था कि 'योगगुरु' रामदेव ने दलित स्त्रियों के...
न्यायपालिका में मौजूद जातिवादी मानसिकता – अरविंद जैन
प्रो. परिमला अंबेकर
अध्यक्ष, हिन्दी विभाग
गुलबर्गा विश्वविद्यालय, गुलबर्गा
‘भारतीय समाज में दो तरह की संस्कृतियां मौजूद रहीं हैं, ब्राह्मणवादी और लोक संस्कृति। पहली सतावाद और यथास्थितिवाद...