न्यायपालिका में मौजूद जातिवादी मानसिकता – अरविंद जैन
प्रो. परिमला अंबेकर
अध्यक्ष, हिन्दी विभाग
गुलबर्गा विश्वविद्यालय, गुलबर्गा
‘भारतीय समाज में दो तरह की संस्कृतियां मौजूद रहीं हैं, ब्राह्मणवादी और लोक संस्कृति। पहली सतावाद और यथास्थितिवाद...
‘‘….एण्ड सन्स’’ का कपटतंत्र और एक चिरविस्थापित: वैश्वीकृत भारत में स्त्री के सम्पदा अधिकार...
डा. अनुपमा गुप्ता
अब हम देखेंगे कि सम्पदा पर अधिकारों के मामले में भारतीय स्त्री आज कहाँ है और उसे किस दिशा में बढ़ना है।
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वेश्यावृत्ति को कानूनी बनाना समस्या का समाधान नहीं : महिला संगठन
( पिछले दिनों राष्ट्रीय महिला आयोग की नवनियुक्त अध्यक्ष ने यौनकर्म को कानूनी दर्जा देने की वकालत की थी , जिसके खिलाफ स्त्री अधिकार...
समलैंगिकता को मिली सुप्रीम मान्यता: अंतरंगता निजी मामला
राजीव सुमन
नई दिल्ली, 6 सितम्बर : समलैंगिकता की धारा 377 को लेकर चल रहे घमासान पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना अहम फैसला सुना...