‘महिषासुर और दुर्गा’ प्रसंग: लोकशायर संभाजी से बातचीत

 पिछले दिनों लोकशायर संभाजी भगत का नया अलबम ‘ ब्लू नेशन’  जे एन यू में रिलीज हुआ. गीत डा. आमोल देवलेकर  ने लिखा है. रिलीज के दौरान संभाजी जे एन यू आये थे. उनका प्रसिद्द गीत है, ‘हमारा देव- तुम्हारा देव’. ‘महिषासुर और दुर्गा’ प्रसंग में  स्त्रीकाल के लिए उनसे बात की  मुन्नी भारती और अनिल कुमार ने.

संभाजी भगत जे एन यू में

हमारे देव देखो बिल्कुल हमारे जैसे
हमको नहीं है सूरत उनको भी नहीं सूरत
हमारा नाम कचरू भगवान है कचरोवा
हमारा है खंडोबा हमारा है मसोबा
हमारा है चेड़ोबा, हमारा है एड़ोबा
हम गोरे नहीं काले, माता है काड़ोबाई
काड़ोबाई, एड़ोबाई , छोटीमाई मोठी माई
मैसम्मा हो पोसम्मा वो सब हमारी अम्मा

पूरी बातचीत देखें  वीडियो लिंक क्लिक करें :

हम मटन मच्छी वाले
सल्ली डलली बोटी वाले
संडे को नल्ली वाले और गुड्सा ठोकने वाले
हमारे देव देखो खाते हैं मुर्गी काली,
खाते हैं बकरी काली
हमारे देव देखो खुन्नस में आने वाले
दो बूंद छिडकने से सब शांत होने वाले
तुम्हारे देव देखो, अब उनके देव देखो
बिलकुल तुम्हारे जैसे
चिकनी है उनकी सूरत
चिकनी है उनकी मूरत
गदाधारी, चक्रधारी और शुद्ध शाकाहारी
खाते न मुर्गी काली, खाते न बकरी काली
लेकिन मानव का लेते बलि
रंगी -ढंगी दंगाई भगवान काहे को रे
शान काहे को रे उनकी शान काहे को रे
उनकी शान में अपनी जान काहे को रे
घड़ी -घड़ी -घड़ी -घड़ी -घड़ी लफड़ा काहे को रे
झोपड़े में झंझट झमेला काहे को रे …..
घड़ी -घड़ी -घड़ी -घड़ी लफड़ा काहे को रे
झोपड़े में झंझट झमेला काहे को रे
काहे का राईट काहे का फाईट
काहे का राईट काहे का फाईट, भरम काहे को रे
भेजा गरम काहे को रे
जलाए जिन्दगी ऐसा धरम काहे को रे

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ISSN 2394-093X
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