स्त्रीवादी पत्रिका स्त्रीकाल ने साल 2017 से एक और सम्मान देने की योजना बनाई है. इसके पहले स्त्रीकाल ने 2014 में सावित्रीबाई फुले वैचारिकी सम्मान की शुरुआत की थी. 2015 में पहली बार यह सम्मान शर्मिला रेगे को उनकी किताब ‘ अगेंस्ट द मैडनेस ऑफ़ मनु : बी आर आम्बेडकर्स राइटिंग ऑन ब्रैहम्निकल पैट्रीआर्की’ (नवयाना प्रकाशन ) के लिए दिया गया था, और 2016 में अनिता भारती को उनकी किताब ‘समकालीन नारीवाद और दलित स्त्री का प्रतिरोध’ को दिया गया.
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2017 में दिया जाने वाला यह सम्मान उन्हें दिया जाएगा, जिन्होंने महिला अधिकार के लिए अपने चिंतन, लेखन और सक्रियता से आजीवन योगदान दिया है. जिनकी पहलों ने महिलाओं के अधिकार की लड़ाई को दिशा दी है या नजीर पेश किया है. योगदान का क्षेत्र एक्टिविज्म से लेकर चिन्तन के व्यापक फलक तक विस्तृत है. यह सम्मान पंडिता रमाबाई (23 अप्रैल1858-5 अप्रैल 1922) के नाम से संबद्ध है, जिन्होंने 19वी सदी में निजी तौर पर अपने निर्णयों से तथा सामाजिक पहलों के द्वारा महिलाओं के लिए शोषण से मुक्ति के मार्ग खोले.
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‘पंडिता’ रमाबाई स्त्रीकाल सम्मान के लिए नाम संस्तुतित करें, जिसका योगदान महिला-
अधिकार के लिए क़ानून, शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम, कला, संस्कृति आदि क्षेत्रों में तथा स्त्री प्रश्नों को केंद्र में लाने में उल्लेखनीय और असरकारी रहा है. संस्तुति के साथ संस्तुत व्यक्ति के कामों का ब्योरा हमारे इमेल आई डी- themarginalised@gmail.com पर भेजें. निर्णायक समिति के द्वारा तय किये गये एक शख्सियत को सम्मानित कर हम सब भी सम्मानित होंगे.