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चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु ग्रन्थावली (चार खण्डों में प्रकाशित)
संपादक : कँवल भारती
डा. भीमराव अम्बेडकर (बाबा साहेब) के जीवन और कार्यों से उत्तर भारत को परिचित कराने वाले चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु और कँवल भारती द्वारा संपादित उनकी ग्रंथावाली पर चिंतक/ साहित्यकार प्रेमकुमार मणि की टिप्पणी:
बोधानन्द और अछूतानंद की वैचारिकता को चन्द्रिकाप्रसाद जिज्ञासु ने आगे बढ़ाया और इस पूरे संघर्ष को एक व्यवस्थित गति दी . यह चुनौती पूर्ण कार्य था . लखनऊ के सआदतगंज में उन्होंने एक प्रेस और प्रकाशन की स्थापना की . प्रकाशन का नाम था बहुजन कल्याण प्रकाशन और प्रेस का नाम समाज सेवा प्रेस . उन्होंने स्वयं बोधानन्द और अछूतानंद की जीवनियां लिखी और प्रकाशित की . बाबासाहेब का जीवन संघर्ष उनकी लिखी ऐसी महत्वपूर्ण कृति है ,जिसे पढ़कर हिंदी भाषी भारत के लोग आंबेडकर के जीवन और कृतित्व से परिचित हुए . आंबेडकर की अनेक पुस्तकों के अनुवाद और प्रकाशन का श्रेय जिज्ञासु जी को जाता है . हिंदी भाषी इलाके को उन्होंने आंबेडकर से परिचित कराया . लेकिन इतना ही कहना शायद उनके महत्त्व को सीमित करना होगा . उन्होंने एक मन्त्र दिया कि दलित और पिछड़ी जातियों को एक साथ आये बिना ब्राह्मणवाद से निर्णायक लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती . मार्क्सवाद ,गांधीवाद ,लोहियावाद और अन्य दूसरे समाजवादी संघर्षों से चुपचाप अलग रहते हुए उन्होंने मनोयोग पूर्वक फुले -अम्बेडकरवाद की ज़मीन उत्तरभारत में तैयार की
इतने महत्त्व पूर्ण लेखक -विचारक की रचनावली उपलब्ध नहीं थी . उन्ही की परम्परा के योद्धा लेखक कँवल भारती ने जिज्ञासु जी की रचनावली परिश्रम पूर्वक सम्पादित कर ऐतिहासिक महत्त्व का कार्य किया है . यह रचनावली बहुजनों के समग्र संघर्ष को बल तो प्रदान करेगी ही ,एक नए आधुनिक भारत का स्वरूप भी निर्धारित करेगी ,जो अधिक लोकतान्त्रिक और न्यायपूर्ण होगा .
मूल्य: अजिल्द: 450 रूपये ( चौथे खंड का मूल्य 250 रूपये)
सजिल्द: 900 रूपये ( चौथे खंड का मूल्य 500 रूपये)
नोट: पूरा सेट खरीदने पर ( 1000 रूपये में अजिल्द और 1900 रूपये में सजिल्द उपलब्ध है)
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अग्रिम बुकिंग
संपर्क: द मार्जिनलाइज्ड पब्लिकेशन
इग्नू रोड, नेबी सराय, दिल्ली, 68
रजिस्टर्ड कार्यालय: सनेवाड़ी, वर्धा, महाराष्ट्र-1
ईमेल: themarginalisedpublication@gmail.com, फोन: 9650164016, 8130284314
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