नाबालिग से बलात्कार मामले में आसाराम को मृत्युपर्यंत जेल की सजा

आज की तारीख महिला अधिकार के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है कि आज जोधपुर के एक न्यायालय ने नाबालिग से बलात्कार के आरोपी आसाराम (आसाराम बापू) को  मृत्युपर्यंत जेल की सजा दी है. एक ऐसे रसूखदार आरोपी को सजा दिलवाने में पीड़िता के संघर्ष की सिर्फ कल्पना की जा सकती है, जिसके खिलाफ चलने वाले मामलों के गवाह या तो गायब हो जाते रहे हैं या संदेहास्पद मौत के शिकार होते रहे हैं. इसे एक सीख की तरह लेनी चाहिए कि बेटियों को ऐसे बाबाओं और गुरुओं से दूर रखें.

जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई है। बाकी दो दोषियों शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता(सेविका), शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए शिवा उर्फ सवाराम (आसाराम का प्रमुख सेवादार), प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया) को दोषमुक्त कर दिया था। कोर्ट ने माना है कि आसाराम ने ही नाबालिग से बलात्कार किया था।

इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी। आसाराम को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता आसाराम के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में अध्ययन करती थी। पीड़िता का आरोप था कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाकर उससे 15 अगस्त, 2013 को रेप किया था।

फैसले के बाद नाबालिग के पिता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। पिता ने कहा कि हमें न्याय मिला। जिन लोगों ने हमारा साथ दिया हम उनका शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अब आसाराम  को कड़ी सजा दी जाएगी।

इसके पहले भी कई कथित संतों, बाबाओं पर लगे हैं बलात्कार के आरोप, हुई है सजा. 

गुरमीत राम रहीम :गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत ने बलात्कार के आरोप में सजा सुनायी थी. राम रहीम के  डेरा सच्चा सौदा पर इसके आलावा आरोप था कि इस केस को दबाने के लिए एक शिकायतकर्ता साध्वी के भाई की हत्या करवा दी और इस केस की रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार की भी हत्या करवा दी थी.  25 अगस्त 2017 को इस मामले में पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने राम रहीम को दोषी माना और 28 अगस्त 2017 को सज़ा सुनायी, जिसके बाद राम रहीम के लोगों ने हरियाणा में काफी हंगामा, उपद्रव, हिंसा की थी.

बाबा परमानंद : बाराबंकी जिले के देवां कोतवाली क्षेत्र स्थित हर्रई धाम के बाबा परमानंद नाम से प्रसिद्ध बाबा रामशंकर तिवारी पर आरोप है कि वो बच्चे पैदा करने के नाम पर महिलाओं से रेप करता था. पुलिस ने उसे 24 मई 2016 को गिरफ्तार कर लिया था. बाबा परमानंद पर 12 मुकदमे दर्ज हैं जिनकी सजा वो अब भी जेल में काट रहा है.

संत रामपाल : रेप, यौन शोषण जैसे कई आरोपों को लेकर संत रामपाल की गिरफ्तारी 20 नवंबर 2014 को हुई. खबरों के अनुसार रामपाल लड़कियों को अपने एक किले में बंधक बनाकर रखता था, जिन्हें वो साधिकाएं बुलाता था. इनमें से कुछ को वो अपने कमरे में बुलाता और शारीरिक संबंध बनाता था.  बबिता कुमारी रामपाल की सबसे खास साधिका थीं, जिसकी उम्र लगभग 27 साल थी. पुलिस के अनुसार ‘रामपाल के कमरे से प्रेग्नेंसी किट और सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवाइयां भी मिली थीं’.

नित्यानंद :बंगलुरु के बिदारी में स्थित अधीनम मठ के 293वें प्रधान नित्यानंद को जून 2012 में रेप और यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किए थे. नित्यानंद की एक शिष्या ने उनका पूरा काला चिट्ठा खोला था, शिष्या के अनुसार उसके साथ नित्यानंद ने कई बार रेप किया. किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी. उसका दावा था कि नित्यानंद के तमिल हिरोइन के साथ जो सेक्स टेप सामने आए थे, वो शूट उसी ने किए थे.

संत स्वामी भीमानंद : फरवरी 2010 में दो एयरहोस्टेस समेत आठ लोगों को सेक्स रैकेट चलाने के मामले में गिरफ्तार किया गया तो मामले का खुलासा हुआ. तो इन लोगों से पूछताछ हुई तब पता चला कि इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड 39 साल का शिवमूरत द्विवेदी है. जिसे दुनिया इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद जी महाराज चित्रकूट वाले के नाम से जानती है. भीमानंद 2010 से ही जेल में सजा काट रहा है.

तस्वीरें गूगल से साभार 

स्त्रीकाल का प्रिंट और ऑनलाइन प्रकाशन एक नॉन प्रॉफिट प्रक्रम है. यह ‘द मार्जिनलाइज्ड’ नामक सामाजिक संस्था (सोशायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर्ड) द्वारा संचालित है. ‘द मार्जिनलाइज्ड’ मूलतः समाज के हाशिये के लिए समर्पित शोध और ट्रेनिंग का कार्य करती है.
आपका आर्थिक सहयोग स्त्रीकाल (प्रिंट, ऑनलाइन और यू ट्यूब) के सुचारू रूप से संचालन में मददगार होगा.
लिंक  पर  जाकर सहयोग करें :  डोनेशन/ सदस्यता 

‘द मार्जिनलाइज्ड’ के प्रकशन विभाग  द्वारा  प्रकाशित  किताबें  ऑनलाइन  खरीदें :  फ्लिपकार्ट पर भी सारी किताबें उपलब्ध हैं. ई बुक : दलित स्त्रीवाद 
संपर्क: राजीव सुमन: 9650164016,themarginalisedpublication@gmail.com

Related Articles

ISSN 2394-093X
418FansLike
783FollowersFollow
73,600SubscribersSubscribe

Latest Articles