एनएसडी में छेड़छाड़, मामले को दबाने की कोशिश, मीडिया में स्त्रीविरोधी रिपोर्टिंग

सुशील मानव 


वर्कशॉप के दौरान एनएसडी के पूर्व  शिक्षक और वर्तमान में गेस्ट शिक्षक  सुरेश शेट्टी द्वारा छात्रा से छेड़छाड़ करने का आरोप

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के एक गेस्ट टीचर सुरेश शेट्टी पर एक लड़की ने गलत ढंग से निजी अंगो को छूने का आरोप लगाया है। छात्राका आरोप है कि संस्थान के अतिथि शिक्षक शेट्टी ने एक सीन में एक्ट करने की प्रक्रिया के दौरान उसके साथ कई बार छेड़छाड़ करते हुए उसके निजी अंगों को छुआ था। बता दें कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में 2-6 जुलाई के बीच पाँच दिवसीय एक्टिंग स्किल टेस्ट नाम से कार्यशाला आयोजित की गई थी। पीड़िता के मुताबिक ये घटना कार्यशाला के पहले ही दिन यानि 2 जुलाई की है जिसके बाद लड़की ने 3 जुलाई को एनएसडी में शिकायत की थी। जबकि 15 जुलाई को रिजल्ट आया जिसमें पीड़ित लड़की को फेल कर दिया गया। शिकायत मिलने के बाद स्त्रीकाल को इसकी सूचना मिल गयी थी, हमने कोशिश की कि लडकी से या आरोपी शिक्षक से कांटेक्ट हो. लेकिन ऐसा लगा पूरा एनएसडी और उससे जुड़ा समूह गुप्तता बरतकर मामले को निपटना चाहता है. एनएसडी के डायरेक्टर का भी यही रवैया था.

बता दें कि पीड़ित लड़की ने एनएसडी में एक्टिंग के तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के लिए अप्लाई किया था। इस कोर्स में दाखिले के लिए हर छात्र-छात्रा को दो फेज के टेस्ट से गुजरना होता है। पहले फेज में आवेदन करनेवाले अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया जाता है और फिर दूसरे फेज में पाँच दिन का वर्कशॉप करवाया जाता है जोकि आवेदन करनेवाले अभ्यर्थियों के एक्टिंग स्किल की जाँच के लिए होता है। वर्कशॉप के दौरान संबंधित छात्र-छात्राओं को कैंपस में ही रहना होता है। इस साल के वर्कशॉप (2 से 6 जुलाई) के दौरान पहले ही दिन गेस्ट टीचर सुरेश शेट्टी ने हॉल में 20-20 के ग्रुप में अभ्यर्थियों को खड़ा करके ड्रामा के दौरान दिये जाने वाले पोज भाव भंगिमा और हाव-भावदर्शाने के लिए अलग-अलग सीन क्रिएट करके अभ्यर्थियों को उस पर अभिनय करने को दिए थे। अभ्यर्थियों के गलत एक्ट करने पर सुरेश शेट्टी उन्हें छूकर सही पोज करने के लिए गाइड करते। पीड़ित लड़की के मुताबिक इसी दैरान आरोपी शिक्षक सुरेश शेट्टी ने बार बार गलत तरीके से जानबूझकर उसके निजी अंगो को छुआ। जिसके कारण उसका पोज बिगड़ जाता था और शेट्टी महोदय बार-बार उसका पोज सही करने का बहाने फिर से उसके साथ छेड़-छाड़ करने लग जाते थे। एक बार फिर से स्पष्ट कर दूँ कि ये वर्कशॉप के पहले दिन ही की बात है। और उसके ठीक अगले दिन यानी 3 जुलाई को पीड़ित लड़की ने एनएसडी में उक्त शिक्षक सुरेश शेट्टी की शिकायत की थी।

दूसरे दिन की कार्यशाला समाप्त होने के बाद पीड़िता के ग्रुप की लड़कियों को बुलाकर एनएसडी प्रबंधन द्वारा पूछताछ की गयी थी और कैंपस में या कैंपस के बाहर किसी से कुछ न कहने और बात न करने की हिदायत दी थी। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान पीड़ित लड़की के माता-पिता भी एनएसडी कैंपस में आये थे और पुलिस रिपोर्ट करवाने की बात बोल रहे थे। इस बीच एनएसडी कैंपस में पुलिस के आने की भी सूचना है। वे पीड़िता के माता-पिता की शिकायत पर ही आये होंगे। एनएसडी में आरोपी शिक्षक शेट्टी के परिवार वालों के भी कैंपस में आने की सूचना मिली है। तो क्या पुलिस एनएसडी कैंपस में आरोपी और पीड़िता के बीच समझौता करवाने के लिए ही आई थी। क्योंकि उसके बाद ये मामला कैंपस के भीतर ही दबा दिया गया। इस बीच 23 जुलाई 2018 को मैं एनएसडी के डायरेक्टर वामन केंद्रे जी से उनकी प्रतिक्रिया लेने के लिए दो बार उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया, दोनो ही बार उन्होंने मेरा कॉल रिसीव करने के बाद मेरे बाबत पूछकर बिना कोई जवाब दिये मीटिंग में होने की बात कहकर कॉल डिसकनेक्ट कर दिए। थक हारकर मैंने उन्हें दो बार उनके वाट्सएप नंबर पर मेसेज किया कि वो इस मामले पर एनएसडी संस्थान के डायरेक्टर होने के नाते अपनी प्रतिक्रिया और सुरेश शेट्टी के पक्ष को हमारे सामने रखें लेकिन दोनो ही बार उन्होंने मेसेज को देखकर (वाट्सएप पर मेरे द्वारा भेजे मेसेज पर लगी दोनो टिक नीली दिख रही थी)अनदेखा कर दिया और कोई जवाब देने की ज़रूरत ही नहीं समझी।
इस बीच 15 जुलाई को एनएसडी में एक्टिंग कोर्स के एडमीशन टेस्ट का रिजल्ट आया जिसमें गेस्ट टीचर सुरेश शेट्टी पर आरोप लगानेवाली उक्त लड़की फेल हो गई या फेल कर दिया गया। दोनो ही संभावना है। पीड़ित लडकी ने1 अगस्त को तिलक मार्ग थाने में आरोपी शिक्षक के खिलाफ़ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज करवाया है। बता दें कि आरोपी गेस्ट शिक्षक सुरेश शेट्टी एनएसडी में ही शिक्षक थे और रिटायर होने के बाद संस्थान ने उन्हें दोबारा बतौर गेस्ट टीचर के रूप में नियुक्ति दे रखा है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर कई छात्राओं ने सुरेश शेट्टी को गलत आचरण वाला आदमी बताते हुए कहा है कि हाँ वो ऐसे ही रहे हैं हमेशा से। उस रोज यानि 2 जुलाई को सुरेश शेट्टी द्वारा पीड़िता लड़की को गलत तरीके से छूने की बात वर्कशॉप में पीड़िता के ग्रुप में रहे कुछ अभ्यर्थियों ने कही है। सुरेश शेट्टी मंडी हाउस स्थित श्री राम सेंटर में भी बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वहां कि कई पूर्व छात्राओं ने स्वीकारा है कि इस आदमी ने कई लड़कियों के साथ पहले भी बदतमीजी की है। एनएसडी में उनसे जुड़े छेड़छाड़ के और कई मामले पहले भी उठने के बाद कैंपस में ही दबा दिए गए ये कहकर कि इससे कैंपस का नाम खराब होगा। एक पूर्व छात्रा बताती हैं कि एनएसडी में सिर्फ सुरेश शेट्टी ही नहीं हैं उन जैसे और भी कई लोग हैं जो छात्राओंसे छेड़छाड़ कर चुके हैं।

सुरेश शेट्टी : शिक्षक जिसपर आरोप है

इस मामले में रंगकर्मी कार्यकर्ता रंग-आलोचक और ‘समकालीन रंगमंच’ पत्रिका के संपादक राजेश चन्द्र गंभीर सवाल खड़े करते हुए पूछते है कि,  ‘एनएसडी में भी कोई सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी होगी। ये सभी संस्थानों में कानूनन ज़रूरी हैं। इसमें कौन लोग हैं? उसकी क्या भूमिका रही इस मामले में ? क्या उसने उत्पीड़क के पक्ष में काम किया ? या उसका अस्तित्व ही नहीं है? ’ राजेश आगे कहते हैं ‘क्या कारण है कि एनएसडी के लोग अपने परिवार की महिलाओं को यहाँ पढ़ाना उचित नहीं समझते.’ इस बीच महिला कानून के जानकारों का मानना है कि यदि संस्थान में आंतरिक शिकायत की गयी थी और शिकायत के बाद प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की तथा पीडिता को ही समझाने की कोशिश की तो महिला उत्पीड़न क़ानून के दायरे में उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए
वहीं इस मामले में पीड़िता लड़की को ही आरोपी बनाकर पेश करने वाले अख़बारों की  रिपोर्टिंग पर सवाल खड़े करते हुए अभिनेता, निर्देशक कवि और शिक्षक ईश्वर शून्य कहते हैं कि- ‘अख़बार वाले सब बिके हुए हैं। वो जानबूझकर लड़की पर आरोप लगा रहे हैं कि लड़की ने फेल होने के बाद एडमीशन के लिए ड्रामा किया है जबकि लड़की ने 3 जुलाई को ही एनएसडी में आरोपी टीचर के खिलाफ शिकायत की थी तब तो रिजल्ट भी नहीं आया था।’

स्त्रीकाल का प्रिंट और ऑनलाइन प्रकाशन एक नॉन प्रॉफिट प्रक्रम है. यह ‘द मार्जिनलाइज्ड’ नामक सामाजिक संस्था (सोशायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर्ड) द्वारा संचालित है. ‘द मार्जिनलाइज्ड’ मूलतः समाज के हाशिये के लिए समर्पित शोध और ट्रेनिंग का कार्य करती है.
आपका आर्थिक सहयोग स्त्रीकाल (प्रिंट, ऑनलाइन और यू ट्यूब) के सुचारू रूप से संचालन में मददगार होगा.
लिंक  पर  जाकर सहयोग करें :  डोनेशन/ सदस्यता 

‘द मार्जिनलाइज्ड’ के प्रकशन विभाग  द्वारा  प्रकाशित  किताबें  ऑनलाइन  खरीदें :  फ्लिपकार्ट पर भी सारी किताबें उपलब्ध हैं. ई बुक : दलित स्त्रीवाद 
संपर्क: राजीव सुमन: 9650164016,themarginalisedpublication@gmail.com