बिहार: असिस्टेंट प्रोफेसर की पिटाई मामले में किसी की नहीं हुई गिरफ्तारी, राजद सांसद ने मंत्री को लिखा पत्र

स्त्रीकाल डेस्क 
महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को अपने कुलपति के खिलाफ मुखरता के लिए हमले का शिकार बनाया गया. हमला करने वालों ने हालांकि तत्कालीन कारण बनाया पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु के बाद सोशल मीडिया में उनकी आलोचना करने को. हमला करने वालों में दैनिक भास्कर अख़बार का स्थानीय ब्यूरोचीफ भी बताया जाता है, तथा अन्य हमलावर भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हैं.

अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर आलोचनात्मक फेसबुक पोस्ट की वजह से भीड़ ने पीटा और उन्हें जान से मारने की भी कोशिश की गई. इस हमले में प्रोफेसर संजय कुमार को काफी चोटें आई हैं और वह बुरी तरह से घायल हैं. बताया ये भी जा रहा है कि प्रोफेसर को जिंदा जलाने की भी कोशिश हुई है. दवाब के बाद पीड़ित प्रोफेसर संजय को पटना रेफर कर दिया गया है. इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध बतायी जा रही है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नही हुई है. इस बीच राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र लिखकर कुलपति पर कार्रवाई की मांग की है.




हमले को लेकर खुद पीड़ित प्रोफेसर संजय कुमार का कहना है कि उन्हें वाइस चांसलर के खिलाफ बोलने को लेकर कुछ तत्व काफी पहले से निशाने पर ले रहे हैं. फेसबुक पर उन्होंने कुछ भी असंसदीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है. हमलावर विश्वविद्यालय के कुलपति के लोग हैं. पूर्व के वीसी के खिलाफ हुए आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के समय से उन्हें ये लोग धमकी देते रहे हैं और शनिवार को फेसबुक पोस्ट को बहाना बना कर हमला किया गया. दरअसल, संजय कुमार ने अपने फेसबुक टाइम लाइन पर अटल जी के निधन पर एक फेसबुक पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा है कि अटल नेहरूवादी नहीं, बल्कि संधी थे. उससे पहले एक और पोस्ट उन्होंने खुद लिखा, जिसमें वह कहते हैं कि ‘भारतीय फासीवाद का एक युग समाप्त हुआ. अटल जी अंतिम यात्रा पर निकल चुके.’

संजय अपने घर पर थे. तभी उनके घर पर असमाजिक तत्वों ने हमला बोल दिया. प्रोफ़ेसर पर हमला करने वाले हमलावरों का आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ प्रोफेसर नें अभद्र शब्दों का प्रयोग कर सोसल मिडिया पर पोस्ट किया है. जिस कारण से वे आहत हैं. हमलावर असमाजिक तत्वों ने प्रोफेसर की जमकर पिटाई की. जिससे वे घायल हो गये. घायल स्थिति में प्रोफेसर को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है.

भाजपा के संगठनों और समर्थकों का यह सामान्य पैटर्न सा बन पडा है. इसके पहले  पहले शनिवार को बीजेपी मुख्यालय में जब पूर्व पीएम का अंतिम दर्शन करने के लिए स्वामी अग्निवेश जा रहे थे, तब वहां कुछ लोगों ने उन पर भी हमला कर दिया था और उन्हें पीटा गया. इसके पहले उनपर रांची के एक कार्यक्रम में भी भारतीय युवा मोर्चा के लोगों ने हमला किया था. हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा में भी अटल जी द्वारा संविधान संशोधन के लिए आयोग बनाये जाने की बात कहने के लिए एक अम्बेडकरवादी प्रोफेसर निशाने पर हैं. संसद से 400 मीटर की दूरी पर जेएनयू के शोधार्थी उमर खालिद पर हमला हुआ, लेकिन सरकारों का पैटर्न भी है कि ऐसे मामलों में गिरफ्तारियां नहीं करती है.

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