स्त्रीकाल डेस्क
मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में बच्चियों से बलात्कार मामले में सीबीआई जांच की प्रगति से असंतुष्ट हाई कोर्ट ने आज सीबीआई को जमकर फटकार लगायी. बिहार सरकार ने आज इस मामले की सुनवाई को टालने की भरपूर कोशिश की. हालांकि याचिकर्ताओं की ओर से एडवोकेट अलका वर्मा ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाये तो कोर्ट ने आज सुनवाई की. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि जब जांच चल रही है तो आपने एसपी का तबादला कैसे कर दिया?
एडवोकेट अलका वर्मा ने कोर्ट को जब यह बताया कि न सिर्फ तबादला किया गया है बल्कि एसपी लखनऊ को एडिशनल चार्ज दिया गया है, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक फुल टाइम एसपी को जांच करनी चाहिए थी, तो कोर्ट ने इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि यह कैसे हो रहा है? सीबीआई के वकील ने जब जानकारी लेने के लिए सीबीआई से सम्पर्क करने की मोहलत माँगी तो बिफरे कोर्ट ने कहा कि ‘अगले डेट से आप अपने साथ सीबीआई के अधिकारियों को भी लेकर आइये. यदि हर बात आपको पूछना ही है तो.’
इसके पहले सीबीआई से कोर्ट ने अबतक जी जांच रिपोर्ट माँगी तो उसके लिए भी वकील ने अगली तारीख तक की मोहलत माँगी. गुस्साए कोर्ट ने कहा कि ‘आपको हर बार रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करनी होगी. हम केस को मोनिटर कर रहे हैं. हमसे पूछे बिना एसपी का भी तबादला कैसे हुआ? नाराज कोर्ट ने मीडिया में जांच की प्रगति लीक होने पर भी सवाल किये.’
कोर्ट में सरकार और सीबीआई के वकीलों के रुख आश्चर्य में डालने वाले रहे. इससे यह साफ़ सन्देश गया कि सरकार जांच को नष्ट करने की दिशा में काम कर रही है. बिहार सरकार के वकील एडवोकेट जेनरल, ललित किशोर की ओर से पहले से ही इस केस की सुनवाई 27 अगस्त को करने का आग्रह किया गया था.
अगले 27 अगस्त को हाई कोर्ट फिर से इस मामले की सुनवाई करेगा.
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