चार अप्रैल को बदलाव का आगाज करती महिलायें होंगी सड़क पर
महिलाओं का मानना है कि वे नफरत और हिंसा के मौजूदा माहौल के खिलाफ और लोकतांत्रिक गणराज्य के नागरिकों के रूप में अपने संवैधानिक अधिकारों का दावा करने सडक पर उतर रही हैं. महिला मार्च फॉर चेंज का उद्देश्य भारत में महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों पर हमलों के खिलाफ आ राही है आवाजों को एकजुट करना है।
मेरी माँ मेरा आदर्श..!
इंदिरा जी के इस कथन से सीख लेते हुए कि “राजनीति में अगर रहना है तो टीका-टिप्पणी, निंदा, सहन करने की और पचाने की क्षमता होनी चाहिए” माँ ने जीवन के कटु-अनुभवों से सिख लेते हुए हर स्थिति का सामना करने की शक्ति प्राप्त की. जब मैं जिला परिषद् की अध्यक्षा बनी तो भी उन्होंने मुझे यही समझाया कि ‘किसी का बुरा मत करना. नेकी कर दरिया में डाल’ उनका कहना है कि गरीब के सेवा से ही भगवान की पूजा हो जाती है.
बिहार शेल्टर होम: जारी है लड़कियों का यौन-शोषण, पूर्णिया से नया मामला, लड़कियों को...
बिहार के शेल्टर होम में लड़कियों का यौन-शोषण बदस्तूर जारी है. ताजा मामला बिहार के पूर्णिया शेलटर होम से सामने आया है....
कन्हैया कुमार सेक्सिस्ट और जातिवादी हैं (!)
यह भी अनायास नहीं है कि बहुत लोगों के कथित ‘उम्मीद’ और युवा ‘नायक’ की महिला पत्रकार पर यह सेक्सिस्ट टिप्पणी कोई मुद्दा नहीं है. वरना सोचिए, शरद यादव की टिप्पणियों पर कितना हंगामा हुआ था. यहां तक कि लेफ्ट की वृंदा करात तक ने शरद यादव पर हमला बोलती रही हैं, उन्हें माफी मांगने कहती रही हैं और एनडीटीवी में ‘शरद यादव, माइंड योर लैंगुएज’ जैसे कॉलम लिखती रही हैं. तो क्या युवा उम्मीद को कोई कहेगा कि कन्हैया, माइंड योर लैंगुएज!
पटना में याद की गयीं रमणिका गुप्ता
हित्यिक संगठन बागडोर, दूसरा शनिवार, समन्वय और कोरस की संयुक्त पहल पर पटना कॉलेज सेमिनार हॉल में इसका आयोजन संपन्न हुआ।उपस्थित लोगों ने रमणिका गुप्ता की फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित की, उनसे जुड़ी स्मृतियां साझी की और उनकी कविताओं का भी पाठ किया।
सुधा उपाध्याय को मिला 14वां शीला सिद्धान्तकर स्मृति सम्मान: पढ़ें उनकी दो कविताएं
14वां शीला सिद्धान्तकर स्मृति सम्मान इस साल कवयित्री सुधा उपाध्याय को
दिये जाने का निर्णय लिया गया है. उन्हें यह सम्मान उन्हें उनके...
महिला विधायक पुरुष विधायकों से विकास करने में 21 ही साबित होती हैं!
यूं तो विकास की बागड़ोर पूरी दुनिया में पुरुषों के हाथों में हैं, लेकिन शोध बताते हैं की विकास के मामले में...
संघ के गढ़ में गड़करी को चुनौती देगी यह बहुजन नेता: क्या है सन्देश
उनकी उम्मीदवारी का एक बड़ा महत्व यह है भी है कि उनका परिवार डा. अम्बेडकर के नेतृत्व में हुए स्त्री आंदोलनों का भी भागीदार रहा है.
औरत मार्च: बदलते पाकिस्तान की दास्तान
भारत में बढ़ती फिरकापरस्ती के बरक्स जरा पड़ोसी मुल्क को देखें. वहां से स्त्रियों के हक़ में लगातार अच्छी खबरें आ रही हैं. पाकिस्तान ...