क्षमा करें अंकिता, यह भारत है,आम महिलाओं की जिंदगी मायने नहीं रखती!
‘स्त्री स्वास्थ्य और जेंडर : प्रसूति रोग से परे
दादी नानी की परीक्षा
वर्तमान के दो अंतहीन युद्ध
स्त्रीकाल शोध जर्नल अंक (31)
स्त्रीकाल शोध पत्रिका अंक (30)
स्त्रीकाल द्विमासिक ई जर्नल (शोध), अंक 26 (अक्टूबर -नवंबर, 2017)
स्त्रीकाल द्विमासिक ई जर्नल (शोध), अंक 25 (अगस्त-सितंबर, 2017)
क्या एक मिथ (फातिमा शेख) के बरक्स सच कहना साम्प्रदायिकता है ?