* जब अपने संकल्प के साथ एक निर्भ्रान्त जीवन शुरू किया… *
(भारतीय भाषाओं से दलित कवयित्रियों की कवितायें )
अनुवाद और प्रस्तुति : फारूक शाह
एक काम के दौरान भारतीय दलित स्त्री लेखन का संकलन और उसकी
पड़ताल...
साहित्य में स्त्रियों की भागीदारी
जयश्री रॉय
( जय श्री राय हिन्दी कथा साहित्य में एक मह्त्वपूर्ण उपस्थिति हैं. साहित्य में स्त्रियों की भागीदारी
जयश्री राय
नामक यह आलेख इन्होंने स्त्रीकाल ,...
मुकेश मानस और दीप्ति की कवितायें
( मुकेश मानस कवि, कथाकार और विचारक हैं , चर्चित पत्रिका मगहर का संपादन करते हैं और दिल्ली वि वि में हिन्दी के प्राध्यापक...
स्त्री-सत्ता : यथार्थ या विभ्रम
अर्चना वर्मा
हम सब जानते हैं कि शब्दों के अर्थ उनके प्रयोग-सन्दर्भ से
निर्धारित होते हैँ। सत्ता का
प्राथमिक अर्थ विद्यमानता, वर्तमानता, उपस्थिति, मौजूदगी या होना यानी...
स्त्री रचनाधर्मिता के तीन स्वर
( इन तीन कवयित्रियों की कविताओं से गुजरना पीडा की एक समान भावभूमि से गुजरना तो है ही लेकिन अलग -अलग सामाजिक स्थितियां और...
जब जरा गरदन झुका ली देख ली तस्वीरें यार
( निवेदिता पेशे से पत्रकार हैं. सामाजिक सांस्कृतिक आंदोलनों में भी सक्रिय रहती हैं. हाल के दिनों में वाणी प्रकाशन
से एक कविता संग्रह ‘...
स्त्री रचनाधर्मिता की दो पीढियां .
( दो –दो कवितायें दो पीढियों की कवयित्रियों की.
पूनम सिंह और पूजा प्रजापति की कवितायें. फर्क सामाजिक स्थितियों का भी है. )
स्त्री
(...
डॉ. अम्बेडकर का मूल चिंतन है स्त्री चिंतन
अनिता भारती
( कहानीकार आलोचक व कवयित्री अनिता भारती का यह आलेख उनकी पुस्तक ‘समकालीन नारीवाद और दलित स्त्री का प्रतिरोध’ में संकलित...
पत्रों में झांकता बच्चन का व्यक्तित्व
रविता कुमारी
हिंदी विभाग, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय
हरिद्वार, उत्तराखण्ड
ईमेल: ravita_kumari@yahoo.in
व्यक्ति का अन्तर्बाह्य समायोजन ही व्यक्तित्व की परिभाषा है। जो प्रत्येक व्यक्ति को उसके विशेष गुणों,...
दलित स्त्री आंदोलन तथा साहित्य- अस्मितावाद से आगे
स्त्रीकाल के ताजा अंक 'दलित स्त्रीवाद ' में प्रकाशित बजरंग बिहारी तिवारी का यह आलेख दलित स्त्रीवाद को समझने के लिए अनिवार्य पाठ है....