क्षमा करें अंकिता, यह भारत है,आम महिलाओं की जिंदगी मायने नहीं रखती!
‘स्त्री स्वास्थ्य और जेंडर : प्रसूति रोग से परे
दादी नानी की परीक्षा
वर्तमान के दो अंतहीन युद्ध
दलित कहानियों में संवेदनात्मक पक्ष, परिवर्तन और दिशा
महिलाओं और अन्य आदिवसियों पर मणिपुर में हिंसा के खिलाफ स्त्रीवादियों का प्रस्ताव
मणिपुर में बलात्कार एक सुनियोजित नरसंहार का हिस्सा है।
पश्चिम बनाम पूरब, यूरोप बनाम भारत, अंग्रेज़ी बनाम हिंदी, राजनीति बनाम संस्कृति, वर्ग बनाम अस्मिता – नए विमर्शों का समायोजन
हाशिये का समाज एवं रमणिका गुप्ता का संघर्ष
हां मुझे फर्क पड़ता है…
सिक्स पैक सीता
कथाकार राजेन्द्र सजल के कथा संग्रह ‘अंतिम रामलीला’ पर परिचर्चा
क्या एक मिथ (फातिमा शेख) के बरक्स सच कहना साम्प्रदायिकता है ?