ब्राह्मण होने का दंश: कथित पवित्रता की मकड़जाल
शिक्षकों के साथ एससीईआरटी मे विभिन्न प्रशिक्षणों के दौरान काम करते हुए कई बार जाती पूछी गई दक्षिण भारत मे (आंध्र प्रदेश) उस समुदाय या उस क्षेत्र विशेष के लोग ही आपको चिन्हित कर पाते हैं| मैं छत्तीसगढ़ मे रहती हूँ तो जब तक मैं स्वयम से होकर लोगो को अपनी जाति नहीं बताती तब तक पता नही होता| मेरे नाम में मैंने अपना उपनाम कभी नही लिखा संयोग से विद्यालय मे भी मेरा केवल नाम ही रह गया उपनाम किसी तरह से छूट गया|
एक पत्र जो उसने आत्महत्या का निर्णय टालने के पूर्व लिखा था
शैक्षणिक संस्थाओं में कुछ सवर्ण महिलाओं द्वारा अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाएं लोगों को अजीब लग सकती हैं यह भी तब जब स्त्रियों को भी शिक्षा प्राप्त करने में बहुत मशक्कत करनी पड़ी हो, किन्तु यह एक बड़ा सत्य है। आज सदियों बाद दलित स्त्रियों की पहली पीढ़ी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही हैं । घर और बाहर दोनों जगह काम उसे तो करना ही पड़ता है इसके साथ ही साथ उसके साथ जातिगत भेदभाव और उसकी अवमानना निरन्तर होती है। उसकी शिक्षा की प्रगति में बाधक कुछ सवर्ण महिलाएं विभिन्न और अतिरिक्त कार्यभार सौंप देती हैं ताकि वह वहां तक पहुंच ही न पाए।
अम्बेडकर की प्रासंगिकता के समकालीन बयान
महितोश मंडल का कहना है कि विश्वविद्यालयों में दुनिया भर के तमाम चिन्तक पढ़ाए जाते हैं पर अम्बेडकर की सतत अनुपस्थिति और बहिष्करण की राजनीति के पीछे अम्बेडकर के प्रति ब्राह्मणवाद की घृणा है, और यह घृणा दुश्चिंता से उपजी है. दरअसल अम्बेडकर ने हिन्दू धर्म और ब्राह्मण सभ्यता के विरुद्ध कोई आधारहीन शोर-गुल नहीं किया है, बल्कि वे कानून के विद्यार्थी थे और बहुत ही तर्कपूर्ण व प्रासंगिक ढ़ंग से उन्होंने ब्राह्मणवाद की आलोचना प्रस्तुत की है. यदि युवा विद्यार्थी अम्बेडकर के आमूल परिवर्तनवादी विचारों को गंभीरता से पढ़ना शुरू करें, तो अकादमिक जगत से लेकर राजनीति, अर्थव्यवस्था, मीडिया, साहित्य, सिनेमा, और इत्यादि तक फैले राष्ट्र-व्यापी ब्राह्मणवादी साम्राज्य को भयंकर चुनौती मिलेगी.
हिंदू कोड बिल और डॉ. अंबेडकर
डॉ. अंबेडकर राजनीति के आकाशगंगा के ऐसे देदीप्यमान नक्षत्र हैं जिनकी छवि कालांतर में भी धूमिल नहीं हो...
पहली महिला कुली, दलित महिला आंदोलन नेत्री जाईबाई चौधरी
जाई बाई चौधरी के द्वारा चलाए गए शिक्षा अभियान और उसके प्रति उनकी अप्रतिम अद्भुत समर्पण भावना का पता प्रसिदध दलित साहित्यकार कौशल्या बैसन्त्री की विश्वप्रसिद्ध आत्मकथा दोहरा अभिशाप के कई पन्नों में लिखा हुआ मिलता है। कौशल्या बैसन्त्री अपनी आत्मकथा में एक जगह लिखती है - जाई बाई चौधरी नाम की अछूत महिला ने नई बस्ती नामक जगह पर लड़कियों के लिए एक स्कूल खोला था।
रजनी तिलक का स्त्री चिंतन : जाति, जेंडर, पितृसत्ता और यौनिकता के प्रश्न
स्त्री के पास अत्याचारों के अनुभवों का एक भण्डार होता है जिसकी चाभी शायद ही कभी किसी के पुरुष के हाथ लगती होगी. स्त्री के प्रति बहुत सदाशयी पुरुष भी अनुकूल समय देखकर पाला बदल देता है. रजनी ऐसे सदाशयी पुरुषों से भी सवाल करती हैं. ये सवाल करने की ताकत उन्हें जीवन में मिले अनुभवों और उनकी आंच में तपकर बाहर निकलने से आई है. स्त्री की नज़र और उसका मन हर भाव को बहुत सटीक तौलता है.
दलित लेखिका की दावेदारी: अपनी जमीं अपना आसमाँ
आत्मकथा में दूसरा महत्वपूर्ण चरित्र है ‘भाई जी’ यानि लेखिका रजनी तिलक के पिता। लेखिका के पिता जुझारू, अत्यंत मेहनती, परिस्थितियों के शिकार, अपनी दिमागी रुप से बीमार पत्नी के प्रति समर्पित पति और एक जिम्मेदार पिता के रूप में सामने आते है।
सदन में हम दलित महिलाओं को लड़ाने का षड्यंत्र सफल नहीं होगा: भगवती देवी
ठेकेदारी कौन करता है? ठेकेदार किनको कहते हैं? क्या राबड़ी जी का बेटा ठेकेदारी कराने जाते हैं? बिचैलिये का काम कौन करता है? किसका मोटर साइकिल पकड़ करके उड़ाया जाता है। कोई गरीब का राबड़ी जी का बेटा नहीं और जो बोलता है उसी का सारा बेटा ठीकेदार और बिचैलिये का काम करता है। अगर जांच हो तो मैं समझती हूं कि सुनिश्चित रोजगार योजना का जो पैसा है तो उसके बारे में लोग नाम गिनावे, सभापति जी, आप खुद इस पर जांच बैठाइये, कौन जेल जायेगा? गरीब का आप ठेका दिलवाते हैं और किसको ठीका मिलता है?
तीन दिनों के लिए नागपुर में जुटेंगे अम्बेडकरी महिला साहित्यकार
सम्बुद्ध महिला संगठन और अखिल भारतीय अम्बेडकरी साहित्य व संस्कृति महामंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन सुलोचनाबाई डोंगरे परिसर, दीक्षाभूमि नागपुर में होगा. साहित्य और सरोकार के ऐसे आयोजन महाराष्ट्र के अम्बेडकरी साहित्य को जनता से जोड़ने का भी काम करते हैं
पुलिस रिपोर्ट में हिन्दी विश्वविद्यालय की दलित छात्राएं निर्दोष, विश्वविद्यालय प्रशासन हुआ शर्मसार!
सुशील मानव
पिछले दिनों हिन्दी विश्वविद्यालय की पांच दलित शोधार्थियों/ विद्यार्थियों पर कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था, जब उनपर एक...