कानूनी भेदभाव: बेड़ियाँ तोड़ती स्त्री (सी.बी.मुथम्मा)
उल्लेखनीय है कि अदालत में बहस के दौरान महाधिवक्ता सोली सोराबजी ने सरकार की तरफ से दलील दी थी कि महिलाओं द्वारा विवाह करने की स्थिति में, गोपनीय और महत्वपूर्ण सरकारी सूचनाओं और दस्तावेजों के लीक होने का खतरा या संभावना बढ़ सकती है। इस पर न्यायमूर्ति अय्यर ने पूछा था "क्या पुरुषों द्वारा शादी करने से यह खतरा या संभावना शून्य है?"
भाजपा सीएम की पत्नी उनके खिलाफ उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की शिकायत लेकर पहुँची...
देब ने 2018 में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. वे वहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मानिक सरकार को सत्ता से हटाकर मुख्यमंत्री बने थे और इस तरह वामपंथी सरकार के बदले वहां आज भाजपा की सरकार है. ।
न्यायपालिका में यौन शोषण का मामला पहला नहीं है और न्याय नहीं हुआ तो...
समाचार है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने खिलाफ़ यौन उत्पीड़न की जाँच, न्यायमूर्ति बोबड़े को सौंप दी है। न्यायमूर्ति बोबड़े ने आंतरिक समिति में, न्यायमूर्ति एन. वी.रमन्ना और इंदिरा बनर्जी को रखने का फैसला लिया है। काश! यह फैसला शनिवार को ही ले लिया गया होता, तो कितना बेहतर होता। किसी को यह नहीं लगता कि मीडिया, सुप्रीम कोर्ट बार या किसी और दबाव-तनाव में लिया फैसला है। खैर... न्यायिक विवेक जागा तो सही, भले ही थोड़ी देर से।
हम क्रूर और कामातुर पूर्वजों की संतानें हैं:क्रूरता की विरासत वाले देश में विधवाओं...
किन्तु, एक बार मैंने भी यह बात एक हिंदू के मुंह से सुनी थी। उसने खुलकर कहा था-‘हम अपनी पत्नियों को अक्सर इसलिए, दुःखी रखते हैं, क्योंकि हमें यह डर रहता है कि कहीं वे हमें जहर न दे दें। इसलिए हमारे ज्ञानी पुरखों ने विधवाओं को भयानक रूप से दंडनीय बनाया था, ताकि कोई भी स्त्री जहर देने का साहस न कर सके।’
यौन-उत्पीड़न की जांच आरोपी मुख्य न्यायाधीश ही कैसे कर सकते हैं!
उनका ये कदम न्याय की मोटी से मोटी समझ रखने वाले के लिए भी पचाना इसलिये मुश्किल है कि कोई आरोपी अपने ही खिलाफ दर्ज शिकायत की सुनवाई कैसे कर सकता है? यदि ये बेंच गठित की गयी तो इस बेंच में किसी महिला न्यायाधीश को क्यों नहीं रखा गया? विशाखा एक्ट के तहत ऐसे किसी भी मामले की सुनवाई के लिये बेंच में महिला न्यायाधीश का होना या मेजॉरिटी में महिलाओं का होना जरूरी है.मुख्य न्यायाधीश की ये हड़बड़ी क्या कहती है?
महिला विरोधी बयान और मर्दवादी राजनीति
ये कहना गलत नहीं होगा क़ि पिछले पांच साल में शीर्ष से "मिसोजिनि" या स्त्री विरोधी संस्कृति मुख्यधारा का स्वीकृत हिस्सा बन चुकी है, मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा किसी और प्रधानमंत्री की ऐसी जबान कभी नहीं थी जब विपक्ष की सबसे बड़ी नेता जो महिला हैं उनका जिक्र तमाम मंचों से उन्होंने शालीनता की हद से बाहर जाकर किया
ईरानी महिला खिलाड़ी ने जीता पदक :देश ने दे दिया गिरफ्तारी का आदेश
सदाफ खादिम ने रोयान के वेस्टर्न टाउन में फ्रांस की 25 वर्षीय खिलाड़ी एन्ने शाविन को हराकर यह मुकाबला जीता. सदाफ खादिम के कोच के पास फ्रेंच और ईरान दोनों देश की नागरिकता है.
गांधी के ब्रह्मचर्य-प्रयोग की क्रूरता
अरुंधति राय/ अनुवाद: अनिल यादव 'जयहिंद', रतनलाल
यह हिस्सा राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित अरुंधति रॉय की किताब '...
महाराष्ट्र की ये महिलायें अपना गर्भाशय निकालने को क्यों हैं मजबूर (!)
गन्ना काटने वाले ठेकेदार उन महिलाओं को काम पर रखने के लिए
तैयार नहीं हैं जिनकी माहवारी नियमित होती है. इसीलिए इस इलाके...
एक विदुषी पतिता की आत्मकथा: दूसरी क़िस्त
कुमारी (श्रीमती) मानदा
देवी
अनुवाद और सम्पादन: मुन्नी गुप्ता
1929 में मूल बांग्ला में
प्रकाशित किताब “शिक्षिता पतितार आत्मचरित”, का हिन्दी अनुवाद एवं
सम्पादन...