फैंसी स्त्रीवादी आयोजनों में जाति मुद्दों की उपेक्षा
ज्योत्सना सिद्धार्थ / अनुवाद : रंजना बिष्ट
( एक स्त्रीवादी आयोजन के बहाने ज्योतसना भारत में ठहर गये स्त्रीवादी आंदोलन और चिंतन की पड्ताल कर...
मनुवादी न्याय का शीर्ष तंत्र
( भगाणा की दलित लड्कियों के साथ बलात्कार के खिलाफ साथियों ने आन्दोलन छेड ही रखा था कि 'योगगुरु' रामदेव ने दलित स्त्रियों के...
दिमाग पर निष्क्रिय होने की चोट उसे निष्क्रिय बनाकर ही छोड्ती है
( सुधा अरोडा का यह आलेख स्त्री
के साथ मानसिक हिंसा की सूक्ष्मतम और निरंतर चलने वाली प्रक्रियाओं क़ॆऎ स्त्रीवादी व्याख्या करता है .
सुधा अरोडा...
पितृसत्तात्मक समाज का शिकार पुरुष तथा स्त्रीवादी मुक्ति अभियान
( सुधा अरोडा जितनी मह्त्वपूर्ण कथाकार हैं उतनी ही मह्त्वपूर्ण स्त्रीवादी विचारक . वे स्त्रीवादी मुद्दों के लिए जमीनी स्तर पर भी सक्रिय रहती...
न्यायपालिका में मौजूद जातिवादी मानसिकता – अरविंद जैन
प्रो. परिमला अंबेकर
अध्यक्ष, हिन्दी विभाग
गुलबर्गा विश्वविद्यालय, गुलबर्गा
‘भारतीय समाज में दो तरह की संस्कृतियां मौजूद रहीं हैं, ब्राह्मणवादी और लोक संस्कृति। पहली सतावाद और यथास्थितिवाद...