अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
मी लार्ड, यहाँ महिलाओं को न्याय नहीं न्याय का स्वांग मिलता है
बेंगलुरू: धिक्कार है! लड़कियों की संख्या से आपत्ति है!!(लड़कियों के लिए हाई कट ऑफ़ मामला)
किन्नर से अपने बेटे का विवाह कराने वाली एक दिलेर माँ की कहानी, उसी की जुबानी
शक्ति स्वरूपा नहीं मानवी समझने की जरूरत
पिछले पांच सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े है: महाराष्ट्र महिला कांग्रेस अध्यक्ष
प्यार के परदे में कैद आज़ादी
अफसोस कि औरतें उठ तो रही हैं पर मर्दवादी संस्थाएं उन्हे कुचल देना चाहती हैं
कन्हैया कुमार सेक्सिस्ट और जातिवादी हैं (!)
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा