उपभोक्तावादी आधुनिकता की आजादी के बीच स्त्री
सुनीता
शोधार्थी, हिन्दी साहित्य, आंबेडकर विश्वविघालय दिल्ली
संपर्क :sunitas988@gmail.com
90 के दशक में भारत देश ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए भूंमडलीकरण, बाजारवाद और...
नदिया के तीरे-तीरे
डॉ. आरती
संपादक , समय के साखी ( साहित्यिक पत्रिका ) संपर्क :samaysakhi@gmail.com
प्रिय नन्ना
इन दिनों आपकी बहुत याद आ रही है. पिछले...
‘अन्तरजातीय विवाह से ही सामाजिक विषमता खत्म होगी’
प्रियंका सोनकर
प्रियंका सोनकर असिस्टेन्ट प्रोफेसर
दौलत राम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय. priyankasonkar@yahoo.co.in
जब देश में जातिवादी हमले आम हो जायें, जब एक विचारशील मनुष्य भी अपने...
बसंत के विदा होने से पहले
अमृता सिन्हा
स्वतंत्र लेखन, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित संपर्क: a.sinhamaxnewyorklife@ymail.com
बसंत के विदा होने से पहले
सुनो
थोड़ी सी धूप
थोड़ी सी कोयल की कूक
थोड़ी उजास फूलों की
थोड़ा...
शहंशाह आलम की कवितायें
शहंशाह आलम
' गर दादी की कोई खबर आये', 'इस समय की पटकथा' सहित पांच कविता संग्रह प्रकाशित . ' मैंने साधा बाघ को'...
तुम आए हो ना शब -ए-इंतज़ार गुज़री है …….
ऋतुपर्णा मुद्राराक्षस
ऋतुपर्णा मुद्राराक्षस कवितायें और कहानियां लिखती हैं . नोएडा में रहती हैं . संपर्क: rituparna_rommel@yahoo.co.in
जय और दिल की इस कहानी में शायद...
कमबख्त इज्जत का एड्रेस नहीं बदला अब तक
रोहिणी अग्रवाल
रोहिणी अग्रवाल स्त्रीवादी आलोचक हैं , महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर हैं . ई मेल- rohini1959@gmail.com
देह के द्वार पर अनादृत...
पितृसत्तात्मक हादसों से मुठभेड़ करती लेखिका की आत्मकथा: ‘हादसे’
स्त्री को सदा से पुरुष की अनुगामिनी बनकर जीवन जीने की शिक्षा दी जाती है। स्त्री का लक्षमण रेखा लाँघना समाज के तथाकथित पहरेदारों...
वायरल हुई योग और मोदी का मजाक उड़ाती यह कविता
मनीषा कुमारी
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक कविता वायरल हो गई. सोशल मीडिया पर इसे खूब शेयर किया गया, पढ़ा गया. आम...
नागरिकता, समता और अधिकार के संघर्ष अभी जारी हैं
आधुनिक भारत के निर्माण में आज़ादी से पहले और आजादी के बाद के तमाम जनांदोलनों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है और इन आंदोलनों में महिलाओं की भागीदारी और ज्यादा महत्वपूर्ण है। साथ...