सहयोग का स्वरूप:
1. स्वैच्छिक
आप स्वयं तय करें और समुचित राशि नीचे लिंक से ट्रांसफर करें:
2. त्रैमासिक पत्रिका स्त्रीकाल की सदस्यता
हिन्दी में स्त्रीविमर्श की इकलौती अकादमिक पत्रिका ‘स्त्रीकाल’ जुलाई से त्रैमासिक पत्रिका के रूप में पुनर्प्रकाशित होने जा रही है. इसका अंतिम अंक 2013 में ‘दलित स्त्रीवाद’ अंक था, जो पिछले कई अंकों की तरह ही स्त्रीवादी चिंतकों, शोधकर्ताओं और अकादमिक जगत में प्रतिष्ठित हुआ था. इस बीच 2014 से हम स्त्रीकाल का नियमित ऑनलाइन प्रकाशन (www.streekaal.com) भी कर रहे हैं. इसी वेब पोर्टल पर द्विमासिक शोधजर्नल भी ऑनलाइन प्रकाशित होता है. ऑनलाइन ‘स्त्रीकाल’ यूजीसी से मान्यता प्राप्त पत्रिकाओं में से एक हैं.
आइये स्त्रीकाल का सदस्य बनें:
व्यक्तिगत
आजीवन :Rs. 2000
वार्षिक : Rs. 250
(पोस्टल शुल्क अलग से देय नहीं होगा)
सदस्यों को ‘मार्जिनलाइज्ड प्रकाशन’ से प्रकाशित और वितरित होने वाली किताबों पर 25% की विशेष छूट दी जायेगी. आजीवन सदस्यता प्राप्त सदस्यों को 300 रूपये मूल्य की किताबें भी प्रतिवर्ष भेजी जायेंगी.
आजीवन :Rs. 5000
वार्षिक : Rs. 500
भारत से बाहर
आजीवन : $500
वार्षिक : $50