राष्ट्रीय महिला आयोग ने पिछले दिनों केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर कहा कि सैनिटरी उत्पादों की अनुपलब्धतता की वजह से 23 प्रतिशत लड़कियां स्कूल नहीं आती या स्कूल छोड़ देती हैं. आयोग ने इसके मद्देनजर देशभर के स्कूलों एवं कॉलेजों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और नैपकिन निस्तारण मशीन लगाने पर विचार करने को कहा है। आयोग के एक कर्मी के अनुसार मंत्रालय को लिखे गये पत्र में यह भी कहा गया कि जब बात स्वच्छता और साफ – सफाई की आती है तो छात्रओं को खासी मुश्किल का सामना करना पड़ता है क्योंकि कई शैक्षणिक संस्थान न्यूनतम मानकों पर भी खरे नहीं उतरते।
सैनिटरी पैड के सुरक्षित निस्तारण और प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने के प्रयासों के तहत महिला आयोग ने मंत्री से स्कूलों और विश्वविद्यालयों में पर्यावरण के अनुकूल निस्तारण मशीनें लगाने पर भी विचार करने को कहा ताकि वह पर्यावरण और लोक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न डालें।
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