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सत्ता में भारतीय महिलाओं की उपस्थिति: सामर्थ्य, सीमाएँ एवं संभावनाएँ
अन्तरराष्ट्रीय मंचो पर महिला प्रश्न पर चली आ रही बहस और आन्दोलन का अपना एक लम्बा इतिहास रहा है। पूरे विश्व में विधायिकाओं में सिर्फ 10.5 प्रतिशत महिलाएँ हैं और मंत्री पद पर सिर्फ 6 प्रतिशत महिलाएँ है। हमारे देश की स्थिति हमारे पड़ोसी देशों से भी बदतर है। हमारे देश में भी महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण का प्रश्न अचानक ही उत्पन्न नहीं हुआ। 1947 में महिलाओं की स्थिति के संबंध में तैयार हुई रिपोर्ट में एक पूरा अध्याय ही महिलाओं की राजनीतिक स्थिति के बारे में था और इसमें विशेष रूप से इस बात का उल्लेख किया गया था कि महिलाओं की खराब स्थिति के लिए उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति के साथ ही उनकी राजनीतिक स्थिति भी जिम्मेदार है और इससे उबरने के लिए विधायक निकायों में आरक्षण के बारे में कहा गया था.
साहित्य
कला-संस्कृति
जातिरूढ़ सास ‘अनारो’ की भूमिका में मैं अपनी सास को कॉपी...
स्टार भारत का लोकप्रिय धारवाहिक 'निमकी मुखिया' अपनी ड्रैमेटिक सीमाओं के बावजूद ग्रामीण समाज की जाति व्यवस्था और महिला मुखिया के संघर्ष पर बना...
स्वास्थ्य
लगभग 25 करोड़ अनीमिया ग्रस्त महिलाओं को लेकर दौड़ेगी बुलेट ट्रेन...
स्त्रीकाल डेस्क
ठीक उसी दिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की जनता को बुलेट ट्रेन का सपना बेच रहे थे संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक...
पढ़ी जा रही हैं
आशा पांडेय ओझा की कवितायें
आशा पांडेय ओझा
मूलतः जोधपुर की रहने वाली आशा पांडेय की चार काव्य कृतियां प्रकाशित हैं. संपर्क : asha09.pandey@gmail.com
1. चीख स्त्री चीख
क्यों हो मौन
कौन...
मनुवादी न्याय का शीर्ष तंत्र
( भगाणा की दलित लड्कियों के साथ बलात्कार के खिलाफ साथियों ने आन्दोलन छेड ही रखा था कि 'योगगुरु' रामदेव ने दलित स्त्रियों के...
महिला आयोग सदस्य से बातचीत
A talk with Sushma Sahu, The member of NCW by 'Streekaal'
अधिकांश दलित परिवारों में मातृसत्ता के अवशेष अभी भी दिखते हैं : अनिता...
अनिता भारती
अनिता भारती साहित्य की विविध विधाओं में जितना लिखती हैं , उतना ही या उससे अधिक सामाजिक मोर्चों पर डंटी रहती हैं...
समसामयिकी
बच्चों को रोटी, कपड़ा, दवा और पढाई नहीं दे पाने वाला समाज सिर्फ...
स्त्रीवादी अधिवक्ता अरविन्द जैन किशोर न्याय अधिनियम,1986 की विशेषज्ञ समिति के सदस्य रहे हैं. किशोर न्याय अधिनियम में परिवर्तन के कदम पर उनसे राष्ट्रीय सहारा (हस्तक्षेप) के लिए...
हिन्दी पाठ्यपुस्तकों में स्त्री छवि
कमलानंद झा
कमलानंद झा केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार में हिन्दी अध्ययन के विभागाध्यक्ष हैं. इन्होने पाठ्यक्रमों की सामाजिकी पर शोध किया है : मोबाइल...
क्या यौन शोषण , अंग तस्करी और ह्युमन ट्रैफिकिंग के सुरक्षित ठिकाने हैं शेल्टर...
सुशील मानव
देवरिया उत्तर प्रदेश के माँ विंध्यवासिनी शेल्टर होम से चल रहे सेक्स रैकेट और बच्चों की तस्करी के भयावह खुलासों के बाद प्रशासन...
देर से ही सही जागी मुज़फ्फरपुर की सिविल सोसायटी भी
1 अगस्त को हुआ कैंडल-मार्च : बालिका-कांड और घन गरज-तर्पण
वीरेन नंदा
जिन्हें सबसे पहले बोलना था, आगे आना था, वे देर से आये, लेकिन...
एफ जी एम / सी यानि योनि पर पहरा
नीलिमा चौहान
पेशे से प्राध्यापक नीलिमा 'आँख की किरकिरी ब्लॉग का संचालन करती हैं. संपादित पुस्तक 'बेदाद ए इश्क' प्रकाशित संपर्क : neelimasayshi@gmail.com.
नाइजीरिया ने...
बड़ी ख़बरें
बलात्कृत रंगकर्मियों को पुलिस ने कैद कर रखा है: फैक्ट फाइंडिंग...
'यौन हिंसा एवं दमन के खिलाफ महिलायें (WSS)' की अगुआई में झारखंड गयी फैक्ट फाइंडिंग टीम ने अपने अंतरिम रिपोर्ट में कोचांग में गत...