तस्वीरों में बाबा साहब

तस्वीरों में बाबा साहेब …..

बाबा साहब

डॉक्टर भीम राव अंबेडकर

अम्बेडकर की मुम्बई की कान्हेरी गुफाओं की सैर. तस्वीर 1952-53 की है.



तस्वीर नेपाल की राजधानी काठमांडू में 20 नवम्बर 1956 को आयोजित ‘बौद्ध भ्रातृ संघ’ की चौथी परिषद में अम्बेडकर ने नेपाल नरेश महेंद्र और महास्थविर चंद्रमणि की उपस्थिति में अपना प्रख्यात भाषण ‘बुद्ध और कार्ल मार्क्स’ दिया.
उनके भाषण का मूल विषय ‘बौद्ध धर्म में अहिंसा’ था लेकिन उपस्थित प्रतिनिधियों के आग्रह पर उन्होंने विषय बदल लिया.

औरंगाबाद में महाविद्यालय की इमारत के शिलान्यास के बाद अम्बेडकर डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद को वेरुल की गुफाएं दिखाने ले गए. तस्वीर एक सितम्बर, 1951 की है.

क़ानून मंत्री डॉक्टर अम्बेडकर हिन्दू कोड बिल पर संसद में चर्चा करते हुए.



मंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद 18 नवम्बर, 1951 को अम्बेडकर मुम्बई लौट आए.
उस समय मुम्बई प्रदेश शेड्यूल कास्ट्स फेडरेशन और समाजवादी पार्टी की ओर से बोरीबंदर रेलवे स्टेशन पर आयोजित उनके स्वागत कार्यक्रम का एक हंसमुख पल.
रायबहादुर सीके बोले के बैठने की जगह न होने के कारण अम्बेडकर ने उन्हें अपनी गोद में बिठा लिया. उनके साथ में माई अम्बेडकर.



औरंगाबाद की एक कोर्ट में अम्बेडकर. औरंगाबाद के बार एसोसिएशन ने उनको आमंत्रित किया था. तस्वीर की तारीख 28 जुलाई, 1950.



अपने शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों का राजनैतिक ज्ञान परिपक्व हो, इस सिलसिले में अम्बेडकर ने मुम्बई के सिद्धार्थ महाविद्यालय की ‘विद्यार्थी संसद’ में 11 जून, 1950 को हिन्दू कोड बिल के समर्थन में भाषण दिया.

अखिल भारतीय दलित फेडरेशन का चुनावी घोषणा पत्र, 1946.



चक्रवर्ती सी राजगोपालाचारी के भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बनने के उपलक्ष्य में सरदार पटेल द्वारा जून 1948 में आयोजित किए गए भोज समारोह में प्रधानमंत्री नेहरू के साथ अम्बेडकर और केन्द्रीय मंत्रीमंडल के अन्य सदस्य..

30 जनवरी, 1948 को दिल्ली के बिरला हाउस में महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी और सारा देश हिल गया.
अम्बेडकर बिरला हाउस की तरफ दौड़ पड़े, वहाँ पर कांग्रेसी नेता शंकर राव देव से बातचीत करते हुए.



धर्मांतरण की घोषणा पर अखबार की प्रतिक्रिया.

स्वतंत्र मज़दूर पार्टी की ओर से 17 फरवरी 1937 को मध्य मुम्बई निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे अम्बेडकर का मत पत्र. उनका चुनाव चिह्न ‘आदमी’ था.

श्रम मंत्री के रूप में नौ दिसंबर 1943 को अम्बेडकर धनबाद के कोयला खदान मजदूरों की कॉलोनी में गए.

Related Articles

ISSN 2394-093X
418FansLike
783FollowersFollow
73,600SubscribersSubscribe

Latest Articles