सामाजिक न्याय के पुरोधा बी.पी. मंडल और शहीद जगदेव प्रसाद की स्मृति में “सामाजिक न्याय की अधूरी लड़ाई और आगे की चुनौतियाँ” विषय पर आज पटना लॉ कॉलेज में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सोशल जस्टिस आर्मी एवं रिसर्च स्कॉलर एसोसिएशन के संयुक्त बैनर तले आयोजित हुआ।
संचालन सोशल जस्टिस आर्मी के संयोजक गौतम आनंद ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अनंत शाश्वत ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर, शहीद जगदेव प्रसाद, जननायक कर्पूरी ठाकुर और बी.पी. मंडल की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित करने एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और बी.पी. मंडल के परपोते डॉ. मनीष मंडल, भाकपा (माले) की विधान परिषद सदस्य शशि यादव, स्त्रीकाल के संपादक संजीव चंदन तथा कांग्रेस के युवा नेता मंजीत साहू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. पी.एन.पी. पाल ने की।
डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए निरंतर संघर्ष जरूरी है। उन्होंने ज़ोर दिया कि सभी नियुक्तियों और बहालियों में आरक्षण लागू हो, इसके लिए लड़ाई को और मजबूत करना होगा।
शशि यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। बी.पी. मंडल और जगदेव प्रसाद की राजनीतिक धारा को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है।
संजीव चंदन ने कहा कि बिहार में आज जो सत्ता का स्वरूप दिखाई देता है, वह सामाजिक न्याय की देन है। मंडल कमीशन की पूरी रिपोर्ट लागू कराना और निजी क्षेत्रों में आरक्षण सुनिश्चित कराना सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा लगातार आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

गौतम आनंद ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दलितों और पिछड़ों को व्यवस्थित रूप से बाहर किया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि हमें सामाजिक न्याय के योद्धाओं के सपनों और विचारों को ज़मीन पर उतारने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
युवा कांग्रेस नेता मंजीत साहू ने भी सभा को संबोधित किया।
अध्यक्षीय भाषण में डॉ. पी.एन.पी. पाल ने कहा कि सामाजिक न्याय को नए सिरे से परिभाषित करने और संघर्ष को तेज करने की आवश्यकता है। शिक्षा ही वह साधन है जिससे स्थितियाँ बदली जा सकती हैं, लेकिन शिक्षा पर ही सबसे बड़ा हमला हो रहा है। उन्होंने चेताया कि ब्राह्मणवाद का दबदबा बढ़ रहा है और आरएसएस–भाजपा सरकार जाति व्यवस्था को मजबूत करने का काम कर रही है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, युवा और बुद्धिजीवी शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से गौतम आनंद, आर्यन, सुदर्शन, सूरज चौरसिया, आशीष, आलोक, शाश्वत, रंजन, अमर आज़ाद, प्रेम ओंकार, प्रभात, रिशु, युवराज, ग्रीजेश, रिशव, चंदन, लालू, अमरेश, अमित, दीपक, गुड्डू, अभिनाश, देवशंकर, ई. मुन्ना, भोलू, दिलखुश, रामकृष्ण, श्वेता, कृष्णा, दिव्यम, अखिलेश, मणि, निखिल, माधव, नितेश, जयवीर, मोलू, यश, आयुष, सागर, गौरव, जयजीत, सौरव, रामशंकर, अंगद, राजेश, ज्योतिष, गुंजन, प्रेम सहित सैकड़ों प्रतिभागी मौजूद रहे।