यौन हिंसा के आरोपी साहित्य अकादेमी के सचिव के श्रीनिवास राव की बर्खास्तगी की मांग
पटना, 18 सितम्बर
साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवास राव पर लगे यौन हिंसा के आरोप को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। बिहार महिला समाज ने राव की तत्काल बर्खास्तगी की मांग करते हुए घोषणा की है कि जब तक उन्हें पद से नहीं हटाया जाता, पटना में होने वाले अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव “उन्मेष 2025” का बहिष्कार किया जाएगा।
संगठन की अध्यक्ष निवेदिता झा ने कहा कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद श्रीनिवास राव का सचिव पद पर बने रहना महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देता है। उन्होंने आरोप लगाया कि साहित्य अकादेमी ने शिकायत करने वाली महिला कर्मचारी का साथ देने के बजाय उसे नौकरी से निकाल दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बर्खास्तगी को अवैध और प्रतिशोधात्मक करार देते हुए महिला को पुनः बहाल करने का आदेश दिया, साथ ही आरोपी सचिव के खिलाफ जांच का जिम्मा लोकल कंप्लेंट्स कमेटी को सौंपा। साहित्य अकादेमी के सचिव के . श्रीनिवास राव को पिछले महीने राजभाषा विभाग द्वारा सम्मान दिये जाने पर भी साहित्यकारों ने उठाये थे सवाल।
निवेदिता झा ने कहा, “बीजेपी सरकार ने न केवल आरोपी को संरक्षण दिया, बल्कि उन्हें सम्मानित किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व का मौका भी दिया। यह बलात्कार संस्कृति को बढ़ावा देने वाला रवैया है।”बिहार महिला समाज ने
तीन मुख्य मांगें रखी हैं—
- के. श्रीनिवास राव को तुरंत बर्खास्त किया जाए।
- यौन उत्पीड़न की शिकायतों की सुनवाई विशाखा गाइडलाइंस के तहत हो।
- पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
संगठन ने साफ किया है कि जब तक आरोपी सचिव पद पर बने रहते हैं और साहित्य अकादेमी कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक पटना में होने वाले साहित्यिक आयोजन का बहिष्कार जारी रहेगा।