जनसंस्कृति मंच की अपील : लेखक करें साहित्य अकादमी के कार्यक्रमों का बहिष्कार

साहित्य अकादमी द्वारा बिहार की राजधानी पटना में 25 से 28 सितंबर को आयोजित अंतराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष का लेखक करेंगे बहिष्कार ? भाकपा( माले) के अनुसंगी संगठन जन संस्कृति मंच ने की अपील। इसके पहले सीपीआई के अनुसंगी संगठन महिला समाज ने भी जारी की थी अपील। क्या वाम दल और उसके संगठन चार दिवसीय इस आयोजन के दौरान करेंगे कोई प्रदर्शन। यह मामला साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बेहद गर्म है।

जन संस्कृति मंच का प्रस्ताव

जन संस्कृति मंच साहित्य अकादमी में हुए यौन उत्पीड़न के गंभीर मामले पर गहरी चिंता व्यक्त करता है।

समाचार पोर्टल द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, अकादमी की एक महिला कर्मचारी ने सचिव डॉ. के. श्रीनिवास राव पर 2018-2019 के दौरान अनचाहे शारीरिक संपर्क, अश्लील टिप्पणियां और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

इन आरोपों की जांच करने के बजाय अकादमी ने पीड़िता को चुप करने के लिए झूठे आरोप लगाकर उसे नौकरी से निकाल दिया, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने 28 अगस्त 2025 को बदले की कार्रवाई बताते हुए गैरकानूनी घोषित किया और पीड़िता की बहाली का आदेश दिया।

कोर्ट के इस फैसले से आरोपों की गंभीरता के बारे में कोई संदेह नहीं रह जाता है।

जन संस्कृति मंच यौन उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति का पालन करता है। भारत के लेखकों और कलाकारों के बीच यौन उत्पीड़न संबंधी जागरूकता और संवेदनशीलता का विकास करना हम अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी समझते हैं।

इस जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए
हम मांग करते हैं:
1. डॉ. के. श्रीनिवास राव को तत्काल उनके पद से बर्खास्त किया जाए, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके और न्याय की प्रक्रिया प्रभावित न हो।

2. हम सभी लेखकों , साहित्यकारों से साहित्य अकादमी के आरोपी सचिव की बर्खास्तगी तक साहित्य अकादमी के कार्यक्रमों का बहिष्कार करने की अपील करते हैं।

3 पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा राजभाषा विभाग (जो मुख्यमंत्री के अधीन है) ने साहित्य अकादमी सचिव को ‘बाबू गंगा शरण सिंह पुरस्कार’ प्रदान किया, जबकि यौन उत्पीड़न का मामला वर्ष 2018 से लंबित है। बिहार सरकार से हम इस पुरस्कार को वापिस लेने की मांग करते हैं।

यह प्रस्ताव पीड़िता के साथ एकजुटता और सांस्कृतिक इदारों में हर व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।
जन संस्कृति मंच
19 सितंबर 2025

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ISSN 2394-093X
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