अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
मैंने अमित शाह को गुंडा (इसलिए) कहा…..राना अय्यूब
गुजरात दंगों में साहब कौन थे और क्या कर रहे थे बताने वाली किताब अब हिन्दी में/अग्रिम बुकिंग शुरू
स्त्रीकाल द्विमासिक ई जर्नल (शोध), अंक 25 (अगस्त-सितंबर, 2017)
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ऑब्जेक्ट से सब्जेक्ट बनने की जद्दोजहद
प्रत्यक्ष प्रमाण से आगे और सूक्ष्म संवेदना की कविताएं : अभी मैंने देखा
ये किताबें शर्तिया नुस्खा हैं लड़कों/ मर्दों के बदलने के
विष्णु जी, ब्राहमणवाद से हमारी लड़ाई जारी रहेगी !
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा