अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
दाम्पत्य में ‘बलात्कार का लाइसेंस’ असंवैधानिक है
मनुवादी न्याय का शीर्ष तंत्र
न्यायपालिका में मौजूद जातिवादी मानसिकता – अरविंद जैन
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा