अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
स्त्रीकाल : स्त्रीवादी चिंतन का आर्काइव
स्त्रीकाल -अंक 8
एक नई ‘दस्तक’
स्त्रीकाल -अंक 6
स्त्री विमर्श की पठनीय किताबें
स्त्री काल, अंक – 9
स्त्रीकाल अंक – 9: दलित स्त्रीवाद
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा