अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
लेखक संगठन (प्रलेस) ने स्त्री अस्मिता पर मर्द दरोगा को दी तरजीह
मिसोजिनी, नायकत्व और ‘कबीर सिंह’
हां उनकी नजर में जाति-घृणा थी, वे मेरे दोस्त थे, सहेलियां थीं
बिहार की सावित्रीबाई फुले कुन्ती देवी की कहानी
सांस्थानिक हत्या की सनातन परम्परा: शंबूक से लेकर डा.पायल तक
मी लार्ड, यहाँ महिलाओं को न्याय नहीं न्याय का स्वांग मिलता है
बेंगलुरू: धिक्कार है! लड़कियों की संख्या से आपत्ति है!!(लड़कियों के लिए हाई कट ऑफ़ मामला)
कानूनी भेदभाव: बेड़ियाँ तोड़ती स्त्री (सी.बी.मुथम्मा)
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा