OLUTOSIN OLADOSU ADEBOWALE स्त्री अधिकार कार्यकर्ता हैं, नागारिक पत्रकार हैं. वे बच्चों पर यौन हिंसा के खिलाफ काम करती हैं . वे अग्रेजी में एम ए हैं.
( आज हम स्त्रीकाल में एक नाइजीरियन शोधार्थी से नाइजीरियन पत्रकार की बातचीत प्रकाशित कर रहे हैं , जो दिल्ली में देह व्यापार में शामिल नाइजीरियन नागरिकों की मजबूरी को स्पष्ट करता है . दिल्ली की सड़कों , गलियों में अफ्रीकन ‘काली’ लड़कियों को देखकर दिल्लीवासियों की आम धारणा उनके खिलाफ होती है. उन्हें वे ‘वेश्या’ या ‘स्मगलर’ समझते हैं . इस धारणा को और पुष्ट किया था दिल्ली में आई अरविंद केजरीवाल की ‘ मसीहाई अंदाज वाली सरकार ने.’ हम अक्सर अपनों से दूसरों के मामले में तय धारणाओं से प्रेरित होते हैं , जिसे अपने लिए तो कतई पसंद न करें. यह सच है कि दिल्ली में इनमें से कई लडकियां ‘देह व्यापार’ में हैं, लेकिन दिल्ली के इस बड़े बाजार में उनका क्रेता कौन है , वह तो दिल्ली में ही रहता है न और अधिकांश मामलों में भारतीय भी है. इस बातचीत को वे न पढ़ें , जो इसमें अपनी धारणाओं का समर्थन तलाशने आयेंगे , बल्कि वे संवेदनशील पाठक पढ़ें , जिन्हें दुनिया भर में कहीं भी ऐसी मजबूरियों और स्वेच्छाओं की जड़ में नागरिक सरकारों की असफलता दिखती है, जो ‘देह व्यापार’ में शामिल लड़कियों को सम्मानजनक जीवन देने में असफल हैं. )
क्या तुम अपने बारे में बता सकते हो ?
मैं Olufunbi Falayi हूँ . मैं भारत में एक छोटे ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत सामजिक उद्यमी हूँ
अफ्रीकी महिलाओं के दिल्ली के अनुभव के बारे में कुछ कह सकते हो ?
मैं एताशा सोसाइटी ( Etasha Society ) से सम्बद्ध था , जहाँ प्रशिक्षण के दौरान मुझे कार्य अनुभव लेने थे, और मुझे भारत के नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन के कार्यान्वयन के तरीकों को समझना था. मैं खानपुर के एक इलाके में रहता था . केरल में , जहाँ मेरा संस्थान स्थित है , मुझे किसी नाइजीरियन नागरिक से मिलने का मौक़ा नहीं मिला , लेकिन दिल्ली की सड़कों पर उनकी बड़ी संख्या देखकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पहले दिन मैं दो ‘काली महिलाओं’ से मिलकर मैं बहुत खुश हुआ , हमने एक दूसरे से मिलने की खुशी का इजहार किया और हम एक –दो दिन में फिर मिलने को तय हुए. मैंने एक नाईजीरियन लड़की को अपने घर पर बुलाया और नाइजीरिया की राजनीति पर हम बातें करने लगे, जिससे जल्द ही वह ऊब गई . उसने पूछ लिया , ‘ मैं यहाँ थोड़ी देर के लिए हूँ या पूरी रात के लिए ? ‘
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नाइजीरियन लडकियां , जिनके प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है |
मैं तो एकदम से सदमे में आ गया , वह मेरे अपार्टमेंट में किसी बहनापे या भाईचारे के भाव से नहीं आई थी , बल्कि सेक्स के लिए आई थी. मैं बहुत लज्जित था और उससे पूछा , ‘ तुम यह सब क्यों करती हो ! मुझे लगा की हम नाइजेरियन हैं , एक हैं. सेक्स का मेरा कोइ इरादा नहीं था .’ उसने कहा , ‘ तुम क्या सोचते हो कि मैं यहाँ क्यों हूँ. मुझे अपने बॉस को कुछ मिलियन रुपये देने हैं , मुझे प्रतिदिन काम करने की जरूरत है. मेरा पासपोर्ट जब्त है और जब मैं भुगतान करूंगी तभी मुझे वह मिल पाएगा.’ मेरे लिए यह एक नाइजीरियन सिनेमा देखने का सा अनुभव था , मैंने उसे जाने के लिए कह दिया. दूसरे दिन ठीक यही घटना युगांडा की एक लडकी के साथ घटी. वह लडकी भारत में छः महीने के लिए थी. उसके अनुसार वह यूगांडा में एक हेयर ड्रेसर थी. मैंने उससे पूछा कि उसे यूगांडा में हेयर ड्रेसर का काम छोड़कर भारत में यौनकर्मी क्यों बनना पड़ा ! उसने बताया कि वह एक बेहतर जिन्दगी जीना चाहती है और भारत या यूगांडा में हेयर ड्रेसर का काम उसे बेहतर जिन्दगी नहीं दे सकता है.
जबरन वेश्यावृत्ति
तुम्हें क्या लगता है क्या यही कारण है अफ्रीकी महिलाओं का भारत में पलायन का ?
भारत में वेश्यावृत्ति का तैयार बाजार है . भारतीय पुरुष अफ्रीकी महिलाओं की मांग करते हैं . सबसे बड़ा इलाका मालवीय नगर है , जहां यौनकर्मी बड़ी संख्या में रहती हैं. एक कमजोर व्यक्ति के लिए तो वहाँ की स्थिति बेचैन कर देने के लिए पर्याप्त है . बहुत ही भयावह दृश्य है वहाँ. मैंने यौनकर्मियों से बात करनी शुरू की , उनमें से कई एड्स से पीड़ित हैं . सवाल है कि वे जियेंगी कैसे !
इस स्थिति के बारे में तुम्हारी क्या राय है ?
इनमे से बहुत से “ कार्पोरेट गर्ल” हैं , वे कॉर्पोरेट संस्थानों में काम करती हैं , बहुत सी ऐसी भी लड़कियां हैं , जो स्कूल्स में काम करती हैं , वे घर में ही रहती हैं , गलियों में नहीं निकलती हैं . मेरी एक नाइजीरियन दोस्त है, जो स्कूल में काम करती है , वह मेरे ६ सप्ताह के दिल्ली प्रवास में मुझसे नहीं मिली , क्योंकि उसके स्कूल में एकदम से कठोर प्रावधान है . ऐसा नहीं है कि सभी लडकियां इस जबरन गुलामी की शिकार हैं . बहुत सी डीसेंट अफ्रीकन लडकियां नई दिल्ली में हैं. मेरा मुख्य कंसर्न वे लडकियां हैं , जो माल्स , क्लबस में होती हैं और वहीं से अपने ग्राहकों को रिझाती हैं. अपने बॉस को , जिसने पासपोर्ट जब्त कर रखा है , कई मिलियन नाईजेरियन करेंसी देने के लिए दिन रात काम करना एक प्रकार की परिष्कृत गुलामी है .
तुम्हें क्या लगता है , क्या ये लडकियां नाईजीरिया वापस जाना चाहेंगी ?
मूलतः जो मसला है वह यह कि नाइजेरिया में उन्हें काम नहीं था , या वैसा काम नहीं था , जिससे वे अपना जीवन –यापन कर सकें . तो जो रास्ता है , वह यही कि उन्हें सही काम मिले , उचित वेतन के साथ पुनर्वास का कोइ कार्यक्रम उन्हें वापस नहीं ला सकता है. जीवन यापन के साधन का अर्थ यह नहीं है कि उन्हें वैसे हुनर सिखाये जाएँ , जिसका वे इस्तेमाल ही नहीं कर सकें, बल्कि इसका मतलब वैसे हुनर सिखाने से है , जो उन्हें एक सम्मानजनक जीवन दे सके. क्या तुम मुझे एक अनुमान बता सकते हो कि कितनी इडो लडकियां यौनकर्मी के तौर पर काम कर रही हैं ? यह तो मेरे लिए कह पाना आसान नहीं है , लेकिन दिल्ली में यौनकर्मियों का ८०% इन्हीं लड़कियों का है. और ८०% नाइजीरियन लड़कियों में इडो हैं . मतलब है कि जिन इडो लड़कियों को इटली ने जगह नहीं दी , वे सब दूसरे देशों में चली गई. मेरे अपने शोध के अनुसार अफ्रीका और नाइजेरिया से दिल्ली गई लड़कियों की एक बड़ी संख्या यौनकर्मियों की है , लेकिन ऐसी दूसरी लडकियां भी हैं , जो वहाँ सम्मानजनक काम कर रही हैं . लेकिन यह सही भी है कि इस ग़लीज काम में लड़कियों की संख्या बढ़ती जा रही है.
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नाइजेरियन लडकियां दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाती हैं |
नाइजीरियन युवा लड़के वहाँ क्या करते हैं ?
मैं वहाँ अक्सर अफ्रीकन रसोई में खाने जाता था , वहाँ जो लड़के मिलते थे , वे सिगरेट पीते हुए कंप्यूटर पर काम करते हैं , उन ग्राहकों से बात करते हुए , जिन्हें वे ऑनलाइन पटाते हैं . मैं वहाँ इनके साथ दिल्ली की सड़कों पर दिखते हुए शर्मिंदगी महसूस करता था , क्योंकि इन्हें वहाँ ड्रग का धंधा करने वाला ही समझा जाता है. यह सब निराशाजनक था और मैं अपनी सरकार से यही प्रार्थना करूंगा कि वह कोइ दीर्घगामी समाधान लेकर आये.
( सेफ वर्ल्ड फॉर वीमेन से साभार )