प्रति,
राष्ट्रपति
और विजिटर केन्द्रीय विश्वविद्यालय
मान्यवर
हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय का शोध छात्र रोहित वेमुला ‘ सायंस टेक्नोलॉजी एंड सोसायटी स्टडीज’ में पी एच डी कर रहा था. उसने रविवार 17 जनवरी , 2016 को विश्वविद्यालय के जातिवादी बर्ताव से तंग आकर आत्महत्या कर ली .
बाबा साहेब डा. आम्बेडकर की तस्वीर लिए रोहित वेमुला |
आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर के रहने वाले इस छात्र के साथ -साथ 5 विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय ने 12 दिन पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता के साथ मारपीट के आरोप में निकाल दिया . इसके पहले एक केन्द्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के एक पत्र की सिफारिश के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबीन इरानी ने इन विद्यार्थियों पर कारवाई के लिए विश्वविद्यालय को चार बार पत्र लिखे. सिफारिश पत्र में विद्यार्थियों पर जातिवादी , देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. अपनी राजनीतिक विचारधारा के छात्र संगठन के समर्थन में और अपने मंत्री के सिफारिशी पत्र पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने अतिरिक्त रुचि दिखलाई और विश्वविद्यालय को इन विद्यार्थियों पर कारवाई के लिए बार -बार पत्र लिखे.
शैक्षणिक संस्थाओं में जातिवाद और द्वेष भावनाओं का पूरा वातवरण है , जिसकी वजह से दलित – मुस्लिम , आदिवासी , ओ बी सी आदि बहुजन विद्यार्थियों का जीवन मुश्किलों से भर जाता है. इन दिनों यह स्थिति और भी बढ़ी है . केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में दलित – पिछड़े आदि बहुजन विद्यार्थियों की अपनी सांस्कृतिक विरासत की गतिविधियों को ‘जातिवाद’ मानने और सिद्ध करने का चलन बढ़ा है . आई आई टी चेन्नई से लेकर हैदराबाद तक की घटनाएँ इसी चलन के नतीजे हैं .
एक ओर सरकारें बाबा साहब डा. आम्बेडकर की विरासत को लेकर संवेदनशील होने का दिखावा कर रही हैं , दूसरी ओर उनके विचारों पर सोचने -समझने वाले विद्यार्थियों पर प्रशासन और शासक समूहों की राजनीतिक जमातों का कहर टूट रहा है .
वह चिट्ठी जिसने रोहित और अन्य विद्यार्थियों के खिलाफ कारवाई के लिए उकसाया |
रोहित वेमुला पर की गई कारवाई जातीय विद्वेष की कारवाई थी, जिससे हताश रोहित ने आत्महत्या कर ली.
सवाल है कि फुले, आम्बेडकर , पेरियार से जुड़े विद्यार्थी इस समय सुरक्षित क्यों नहीं है?रोहित वेमुला का लिखा पहला और अंतिम पत्र आपसे न्याय की मॉंग करता है, हम सब आपसे निष्पक्ष और तटस्थ जॉंच की मांग करते है।
हम रोहित वेमुला को आत्म हत्या के लिए बाध्य होने पर मजबूर करने वाली परिस्थिति निर्मित करने वालों के नाम उजागर करते हुए उन्हें दंड देने की मॉंग करते हैं, और उसके जिम्मेवार लोगों पर अनुसूचित -जाति , जनजाति एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश की मांग करते हैं, जिसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्री की भूमिका को भी जांच के दायरे में लाया जाये.
निवेदन है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के साथ जातिगत भेदभाव को रोकने के लिए सुझाव देने हेतु एक समिति बनाने का निर्देश दिया जाय .
केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विजिटर होने के नाते आप से अनुरोध है कि दोषी कुलपति को तत्काल बर्खास्त कर उसपर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दें .
निवेदक :
हेमलता माहिश्वर, लेखिका
नूतन मालवी , सत्यशोधक महिला प्रबोधिनी
अमरदीप भरने, विद्यार्थी
आश्विनी जुमड़े,विद्यार्थी
नीरज ताक्शांडे, सामाजिक कार्यकर्ता
सुनील कालोकार , सामाजिक कार्यकर्ता
अविनाश काकडे , सामाजिक कार्यकर्ता
प्रशील मेश्राम , सामाजिक कार्यकर्ता
अशोक काम्बले , सामाजिक कार्यकर्ता
नंदकुमार धाबार्डे, सामाजिक कार्यकर्ता
राजीव कुमार सुमन , सम्पादक स्त्रीकाल
संजीव चंदन, सम्पादक स्त्रीकाल
एडवोकेट नीलिमा ताक्शांडे, सामाजिक कार्यकर्ता
उत्कर्ष खोब्रागडे , सामाजिक कार्यकर्ता
संदीप भगत, सामाजिक कार्यकर्ता
डाक्टर बुटले, अंधश्रद्धा निर्मूलन
मयूर डफड़े, सामाजिक कार्यकर्ता
एडवोकेट कपिल गोडघाटे, सामाजिक कार्यकर्ता
प्रवीण वानखेड़े , पत्रकार
अनिल रामटेके , सामाजिक कार्यकर्ता
गजानन नेहारे , सामाजिक कार्यकर्ता
फहीम खान
शशिभूषण द्विवेदी
कौशल कुमार
उमेश मीणा
सुरेंद्र कुमार
संध्या सिंह
पूनम कुमारी
अटल तिवारी
विजेंद्र
बृजेशकुमार यादव
सपना सिंह
प्रदीप कुमार सिंह
सिद्धार्थ कलहंस
अनूप आकाश वर्मा
राहुल पवार
फरहत दुर्रानी
गुलजार हुसैन
प्रवीण परिमल
मोहम्मद अनस
ऋतुपर्णा मुद्राराक्षस
मृत्युंजय प्रभाकर
मंजू शर्मा
दिनेश राय द्विवेदी
नरेन्द्र भारती
नीरज कुमार सिंह
जनविजय
सत्यवीर सिंह
सूर्य नारायण
विक्रम कुमार
पलाश विश्वास
मंतोष कुमार
स्मिता मुग्धा
राजू वानखेड़े
कुमार पियूष
राम सागर
सौरव कुमार आयुष डी वी
जितेन्द्र नारायण
धर्मेन्द्र वर्मा
डा .अल्पना सिंह
राजेश उत्साही
योगेश योगेश्वर
मोहन श्रोत्रीय
शुभा शुभा
रविभूषण पाठक
वसीम अहमद
लालिमा करनजीत
नजमुल हुडा सैनी
मिथिलेश शरण चौबे
संज्ञा उपाध्याय
साकेत बिहारी
नरेन्द्र शर्मा
मुकेश तिवारी
दिलीप दुबे
यशराज धनवंतरी
मधु कांकरिया
मुकेश कुमार वरके
अरविन्द कुमार रावत
नीलाम्बुज
कृष्ण कुमार मणि
आमोद शास्त्री
कुलतार पुनिया
अनिश कुमार
शेषनाथ पाण्डेय
मासूम खान
गीता कुमारी
काशिफ नून सिद्दकी
कुंवर प्रतीक
संजय चौधरी
कैलाश चन्द्र चौहान
पुष्कर थर्मत
क्रान्ति कटके
जय प्रकाश
अभिमन्यु
अरुण माहेश्वरी
सरला माहेश्वरी
रविकांत
उर्मिलेश
मनोज कुमार
संतोष यादव