पद्मविभूषण गिरिजा देवी का जन्म 8 मई, 1929 को वाराणसी में हुआ था। गायकी के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1972 में पद्मश्री, वर्ष 1989 में पद्मभूषण और वर्ष 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा भी सम्मानित किया गया था।
बनारस घराने की परंपरा को अपनी गायिकी से समृद्ध करने वाली गिरिजा देवी को लोग प्यार से अप्पा कहकर बुलाया करते थे। शास्त्रीय संगीत, खासकर ठुमरी गायन को परिष्कृत करने और इसे लोकप्रिय बनाने में अप्पा ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई।
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया. पूरा देश उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है.
बाबुल मोरा नैहर छूटो जाए, रस के भरे तोरे नैन आदि के उल्लेखनीय गीत हैं.
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