अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
दलित स्त्रीवाद जैसी कोई अवधारणा नहीं है : तेजसिंह
फैंसी स्त्रीवादी आयोजनों में जाति मुद्दों की उपेक्षा
डॉ. अम्बेडकर का मूल चिंतन है स्त्री चिंतन
डा0 अम्बेडकर और स्त्री अधिकार – सुजाता पारमिता
दलित स्त्री आंदोलन तथा साहित्य- अस्मितावाद से आगे
सावित्रीबाई फुले : शैक्षिक –सामाजिक क्रान्ति की अगुआ
समकालीन नारीवाद और दलित स्त्री का प्रश्न
स्त्रीवाद के भीतर दलित स्त्रीवाद
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा