अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
औरत के मुंह में पेशाब करने और उसकी वजाइना में सिगरेट बुझाने में कौन सा आनंद मिलता है?
अभी तक रॉड, तेज़ाब, मोमबत्ती और अब औरत के गुप्तांग में सिगरेट भी: सोशल मीडिया में आक्रोश
जजिया कर से भी ज्यादा बड़ी तानाशाही है लहू पर लगान
मीडिया से मजदूर गायब, सेक्सी माडल्स बिल्डिंग बना रहे हैं !
इक्कीसवीं सदी का कचरा यानी टिक टिक करता टाइम बम
ग्रामीण महिलाओं के श्रम का राजनीतिक अर्थशास्त्र
‘‘….एण्ड सन्स’’ का कपटतंत्र और एक चिरविस्थापित: वैश्वीकृत भारत में स्त्री के सम्पदा अधिकार ( पहली क़िस्त)
औरत , विज्ञापन और बाजार
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा