लेकिन राज्य महिला आयोग ने कहा है कि लड़की का वीडियो धोखे से बनाया गया था जिससे वो मानसिक तनाव में है.महिला आयोग की अध्यक्ष नईमा अहमद महजूर ने बीबीसी को बताया, “लड़की ने मुझे बताया कि मेरे बयान का जो वीडियो पुलिस ने बनाया था, वह ये कहकर बनाया गया कि पुलिस वीडियो अपने पास रखेगी. लेकिन जब बाद में वह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया तो उससे मुझे मानसिक तनाव पैदा हो गया.”
इससे पहले हंदवाड़ा की पुलिस ने इस लड़की को हिरासत में लिया था जिस पर भी विवाद हुआ था.
महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस सिलसिले में पुलिस से जवाब मांगा है कि लड़की का वीडियो क्यों बनाया गया था, किस ने बनाया था और वायरल किसने किया.उन्होंने कहा, “मैंने पुलिस ने पूछा है कि इस बारे में सफाई दें कि क्या उन पुलिस वालों के ख़िलाफ़ कोई कारवाई की गयी जिन्होंने लड़की का वीडियो बनाया था और फिर उसको वायरल किया.”आयोग की अध्यक्ष ने ये भी बताया कि लड़की अपने उसी स्कूल में वापस जाना पसंद करेगी जहां वह पढ़ती थीं.जहां इस समय उन्हें रखा गया है वहां मकान के बाहर अभी तक पुलिस का पहरा है और मिलने वालों पर पुलिस की कड़ी नज़र है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में न्यायिक जांच की अपील पर नोटिस जारी की है और राज्य सरकार से 26 अप्रैल तक जवाब मांगा है.सेना और सरकार ने इस मामले की अलग-अलग जांच के आदेश दिए हैं. ये पूरी घटना 12 अप्रैल की है, जब श्रीनगर से 74 किलोमीटर दूर हंदवाड़ा क़स्बे में स्थानीय लोगों की ओर से सेना के एक जवान पर छेड़छाड़ करने का इल्ज़ाम लगाने के कारण तनाव बढ़ गया था. इसके बाद हिंसक प्रदर्शन हुए और सेना की फ़ायरिंग में तीन नौजवान मारे गए थे. एक महिला भी घायल हुई थी जिसकी दूसरे दिन मौत हो गई थी.
एक अन्य नौजवान की मौत आंसू गैस का गोला लगने से हुई थी. सेना की फ़ायरिंग के ख़िलाफ़ घाटी चार दिन तक बंद रहा था.
साभार बी.बी.सी. ( बी बी सी पर खबर पढने के लिए क्लिक करें)