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घायल एनी राजा |
राममनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज करवा रही जख्मी एनी ने कहा कि ;मैंने पुलिस में अपने बयान दे दिये हैं और बिल्डर, डीडीए और दिल्ली पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया है. पुलिस यदि सही से जांच करती है तो मुझे मार रहे गुंडों की तस्वीर उन्हें मिल सकती है,वहीं लगे सीसीटीवी फुटेज से.’
एनी ने बताया कि डीडीए के लोगों और बिल्डर ने ट्रांजिट कैम्प में रह रहे कठपुतली कॉलोनी के कुछ परिवारों की महिलाओं को भी बहला-फुसला कर वहाँ बुला रखा था. उनलोगों ने कहना शुरू किया कि ‘ जब हमें घर मिल रहा है तो तुमलोगों को क्या परेशानी है. वे आक्रोश में थीं. मैंने उन्हें कहा कि जब आपको घर मिल जाये तो मुझे भी बुलाना.’ सुनते ही वे एकदम से चुप्प हो गयीं और पीछे हट गयीं.’
दरअसल प्रशासन और बिल्डर दिल्ली के प्राइम लोकेशन में बसी इस झुग्गी बस्ती को खाली करवाने के लिए हर तरह के तरीके अपना रहे हैं-साम, दाम, दंड, भेद. वहाँ रहने वाले अधिकाँश लोग इसलिए विरोध कर रहे हैं कि उनमें से आधे से अधिक लोगों का पुनर्वास नहीं हुआ है और प्रशासन उनसे सख्ती से पेश आ रहा है. बेहतर पुनर्वास के लिए एनएफआईडवल्यू सहित कई संगठनों के लिए वहाँ सक्रिय है और तबतक इस बस्ती को उजाड़ने के खिलाफ हैं.
कल देर शाम तक 17 भाषाओं के लोगों से बसे लगभग चार हजार परिवारों वाली इस कॉलोनी को तोड़ दिया गया. पढ़ें स्त्रीकाल में इसकी रिपोर्ट.:
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आज सुबह से ही कार्रवाई जारी है. राज्यसभा के सांसद और सीपीआई नेता डी राजा ने बताया कि उनसे केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उनसे वादा किया था कि वे बातचीत कर रास्ता निकालेंगे, बलप्रयोग से बस्ती नहीं उजाड़ी जायेगी.’ फिर सवाल है कि मंत्री के न चाहने पर कल की हिंसक कार्रवाई कैसे हुई? कठपुतली कॉलोनी के स्थानीय लोगों ने कहा कि ‘डीडीए और बिल्डर के लोगों ने उन्हें धमकी दी थी कि वे इसे खाली करवाकर ही रहेंगे. उन्हें इसका अनुभव है.’
क्या है पूरा मामला?
रेहजा बिल्डर्स को बस्ती की यह जमीन अपने एक प्रोजेक्ट के लिए चाहिए. रहेजा का कहना है कि 190 मीटर ऊंची 54 मंजिला यह इमारत दिल्ली की सबसे ऊंची इमारत होगी। इसमें 170 लग्जरी फ्लैट, एक स्काई क्लब और हेलीपेड बनाए जा रहे हैं. छह अक्टूबर 2009 में रहेजा और डीडीए के बीच हुए करार के मुताबिक प्रोजेक्ट में दो कमरे के 2641 फ्लैट, पार्क, ओपन एयर थियेटर, दो स्कूल जैसी सुविधाओं का वादा किया गया है. इसके बदले में रहेजा बिल्डर्स ने 6.11 करोड़ का भुगतान डीडीए को किया. रहेजा बिल्डर्स के हिसाब से इस पूरे प्रोजेक्ट में 254.27 करोड़ का खर्च आने वाला है. कुल 5.22 हैक्टेयर जमीन में से 3.4 हैक्टेयर जमीन कॉलोनी के पुनर्वास में इस्तेमाल होगी. रहेजा बिल्डर्स को शेष 1।7 हैक्टेयर जमीन पर निर्माण करवाने का हक़ हासिल होगा. माने कुल जमीन का 60 फीसदी हिस्सा ही पुनर्वास के काम लिया जाएगा. हालांकि एनी राजा ने बताया कि शुरुआती एग्रीमेंट में जरूर 60 फीसदी जगह पर पुनर्वास की बात थी, लेकिन वह धीरे-धीरे घटती गयी है और इनका इरादा भी नहीं दिख रहा सभी लोगों के पुनर्वास का.
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