कैराना से नवनिर्वाचित सांसद तबस्सुम हसन ने शामली के पुलिस अधीक्षक को अपने नाम पर वायरल किये जा रहे पोस्ट के खिलाफ पत्र लिखकर शिकायत की और दोषियों पर जांच और कार्रवाई की मांग की. गौरतलब है कि तबस्सुम हसन 16वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश से पहली मुस्लिम सांसद हैं. भाजपा के शानदार प्रदर्शन वाले इस राज्य से एक भी मुस्लिम सांसद 16वीं लोकसभा के लिए नहीं चुना गया था. तब्बसुम हसन हाल में हुए उपचुनाव में कैराना में भाजपा की उम्मीदवार मृगांका सिंह को हराकर लोकसभा पहुँची हैं.
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इस तरह के पोस्ट और पोस्टर हो रहे वायरल |
स्त्रीकाल डेस्क
उनके जीतने के बाद सोशल मीडिया में उनके नाम से एक पोस्ट वायरल किया गया, जिसमें वे यह कहती हुई दिखायी गयी हैं कि ‘यह अल्लाह की जीत है और राम की हार है.’ तब्बसुम हसन ने कहा कि ‘ऐसा पोस्ट उनके नाम से व्हाट्स ऐप और अन्य स्रोतों से फैलाया जा रहा है, जिससे कि आपसी भाईचारा और क्षेत्रीय सौहार्द को क्षति पहुंचाई जाये. यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है.
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तब्बसुम हसन का पत्र |
शामली एसपी ने इसपर आईटी सेल को निर्देशित किया है कि जांच कर रिपोर्ट दें और एफआईआर दर्ज करवायें.
कैराना में चुनाव जीतना भारतीय जनता पार्टी के लिए इसलिए नाक का प्रश्न था कि वहां ‘कथित हिन्दू पलायन’ की बात कर मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश की गयी थी. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर दंगों के पुराने मामले को अपने भाषणों में उठाकर एक लकीर खीच दी थी और प्रधाणमंत्री ने इस लोकसभा क्षेत्र में चुनाव के एक दिन पूर्व पड़ोसी जिले बागपत में अधूरे बने सडक का उदघाटन कर मतदाताओं के लिए कई वायदे किये थे. इसके बावजूद राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी तब्बस्सुम हसन की जीत हुई, जिसके बारे में तबस्सुम का दावा है कि जीत का मार्जिन और बड़ा होता यदि चुनाव के दौरान मुस्लिम और दलित बाहुल इलाकों में बड़े पैमाने पर ईवीएम मशीने ख़राब नहीं होतीं.