सुनो पुरुष: असुंदर और वेश्यायें भी लेखिका हो सकती हैं, कवि, आलोचक और निर्णायक...
Literary sexism has been wreaking havoc on the self-esteem of women writers for centuries — even in our seemingly more enlightened times. And now,...
बीएचयू में लड़कियों की आवाज से क्यों परेशान होते हैं दक्षिणपंथी (?)
राजीव सुमन
पिछले वर्ष 23 सितम्बर 2017 को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बी.एच.यू) में लैंगिग भेदभाव और हिंसा, छेड़खानी, उत्पीड़न व प्रशासन के पितृसत्तात्मक रवैया के...
ब्रजेश ठाकुर की बेटी के नाम एक पत्र: क्यों लचर हैं पिता के बचाव...
संजीव चंदन
निकिता आनंद
कैसी हैं?
जाहिर है आप परेशान होंगी अपने पिता के लिए. आप कम से कम उतनी प्रसन्न तो नहीं होंगी जितना आपके पिता...
अनचाही बेटियाँ
जावेद अनीस
एक्टिविस्ट, रिसर्च स्कॉलर. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े स्वतंत्र पत्रकार . संपर्क :javed4media@gmail.com
javed4media@gmail.com
हम एक लिंगभेदी मानसिकता वाले समाज हैं जहाँ लड़कों...
पत्थलगड़ी और कोचांग बलात्कार मामला: रांची से प्रकाशित अखबारों की विश्वसनीयता पर प्रश्न
श्रीप्रकाश
झारखंड का खूंटी जिला इन दिनों उबल रहा है-एक ओर आदिवासी पत्थलगड़ी कर स्वायत्तता का घोष कर रहे हैं, वहीं कोचांग में 5 रंगकर्मियों...
हिंसा में कोई मर्दानगी नहीं
नसीरुद्दीन
रघुवीर सहाय की कविता ‘औरत की जिंदगी’ की कुछ पंक्तियां हैं- कई कोठरियां थीं कतार में/ उनमें किसी में एक औरत ले जाई गयी/...
यौनिकता की विश्वसनीय दृश्यता -भाग 2
एल.जे. रूस्सुम/ अनुवाद : डा अनुपमा गुप्ता
(एल .जे .रुस्सुम का यह आलेख स्त्रीकाल के प्रिंट एडिशन के लिए भेजा गया था , जिसे हम...
विज्ञान के क्षेत्र में लडकियां क्यों कम हैं ?
सुशील शर्मा
लड़कियों भावनात्मक रूप से लड़कों की अपेक्षा ज्यादा मजबूत होती हैं ,किन्तु वे आधुनिक तकनीकी एवं विज्ञान के विषयों की अपेक्षा परम्परागत विषयों...
‘लड़की के शरीर पर मेरा चेहरा था, वो कपड़े उतार रही थी और मैं...
पत्रकार राणा अयूब ने हाल में खुलासा किया कि वह एक भयंकर अश्लील वीडियो के हमले का शिकार हुईं. उनका पोर्न बनाकर वायरल करने...
समलैंगिक और थर्ड जेंडर: सहानुभूति के साथ स्वीकृति की जरूरत
सुधा अरोड़ा
सुधा अरोड़ा सुप्रसिद्ध कथाकार और विचारक हैं. सम्पर्क : 1702 , सॉलिटेअर , डेल्फी के सामने , हीरानंदानी गार्डेन्स ,...