अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
पोवाडा : वीर रस की मराठी कविता ( दलित परंपरा )
‘‘अनाघ्रातम पुष्पम, असूर्यंपश्या से रमणेषु रम्भा तक’’
‘अर्थ स्वातंत्र्य ’ स्त्री मुक्ति की पूर्व शर्त
वैचारिक और घरेलू पत्रिकाओं में स्त्री मानसिकता का निर्माण
इतिहास के आईने में महिला आंदोलन
हिंदी भाषा में स्त्री-विमर्श
निराला की कविता में स्त्री मुक्ति का स्वर
रीतिकाल में स्त्रीं-यौनिकता का सवाल उर्फ देह अपनी बाकी उनका
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा