अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
मालिनी अवस्थी से बातचीत
स्त्री संवेदना का नाटक गबरघिचोर
रतन थियाम का रंगकर्म : कला की विभिन्न विधाओं की समेकित अभिव्यक्तियों के समुच्चय का प्रदर्शन”
अठारह साल का हुआ भारत रंग महोत्सव
उम्र भर इक मुलाक़ात चली जाती है
ब्राह्मणवाद ने की बाजीराव-मस्तानी की हत्या
ताकि बोलें वे भी, जो हैं सदियों से चुप
परिवर्तनगामी चेतनाकी संवाहक प्रस्तुति… ‘सपने हर किसी को नहीं आते’
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा