न मार्क्सवाद, न अंबेडकरवाद, न स्त्रीवाद , बस एक्सपोजर चाहिए और मंच
सुशील मानव
देश और समाज में नफ़रत, वैमनस्य, असहिष्णुता, हताशा और मातम का माहौल है और साहित्य में लगातार एक के बाद उत्सव मनाए जा...
एक सांस्कृतिक आंदोलन के चार साल
प्रमोद रंजन व रवि प्रकाश
( देश में एक धीमा सांस्कृतिक आन्दोलन करवट ले रहा है , एक क्रांति घटित हो रही है , जिसकी...
मिथक और स्त्री आंदोलन का अगला चरण
संजीव चंदन
‘रिडल्स इन हिन्दुइज्म’ में डा. बाबा साहेब अंबेडकर इतिहास लिखने से ज्यादा इतिहास की व्याख्या को महत्वपूर्ण मानते हैं. भारतीय इतिहास के बहुत...
नरसंहारों का स्त्रीपक्ष
संजीव चंदन
बिहार के जहानाबाद कोर्ट ने सेनारी नरसंहार (जहां सवर्ण जाति के लोग मारे गये थे) के मामले में अपना निर्णय सुनाया है. कई...
डॉक्टर मनीषा बांगर ‘वायस ऑफ पीपल’ सम्मान से हुईं सम्मानित !
राजीव कुमार सुमन
14 सिंतबर 2018 को दिल्ली के माता सुंदरी रोड पर स्थित एवान-ए-गालिब ऑडिटोरियम में पल-पल न्यूज वेब पोर्टल की तरफ से...
मुनिरका से अमेरिका तक: कल्चरल शॉक और द्विध्रुवीय समानता के दृश्य
मुनिरका से अमेरिका तक-यह वाक्य हमेशा आप जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू ) में सुन सकते हैं. मतलब, जेनयू से निकलते ही लोग दो ही...
सांप्रदायिक, जातिवादी, भाषा-वर्चस्ववादी ‘बिहार संवादी’ (दैनिक जागरण का आयोजन) छोड़ गया कई सवाल
अनन्त
पटना में आयोजित दैनिक जागरण के ‘बिहार संवादी’ कार्यक्रम को जहां लेखक 'अनंत' साम्प्रदायिक, दलित विरोधी बता रहे हैं, भाषा के सवाल पर वर्चस्ववादी...
अपने ही पराभव का जश्न मनाती है स्त्रियाँ ! ( दुर्गा पूजा का...
नूतन मालवी
<सत्यशोधक आन्दोलन की कार्यकर्ता, कई किताबें प्रकाशित, सत्यशोधक स्त्रीवाद नामक एक किताब प्रकाश्य.संपर्क : ई मेल- nootan.malvi@gmail.com
नौ दिनों में दुर्गा की...
धरती ( भूदेवी ) जहाँ होती हैं रजस्वला !
मंजू शर्मा
सोशल मीडिया में सक्रिय मंजू शर्मा साहित्य लेखन की ओर प्रवृत्त हैं .संपर्क : ई मेल- manjubksc@yahoo.co.in
ओडिशा में धरती (...
देवयानी
प्रेमकुमार मणि चर्चित साहित्यकार एवं राजनीतिक विचारक हैं. अपने स्पष्ट राजनीतिक स्टैंड के लिए जाने जाते हैं. संपर्क : manipk25@gmail.com
मिथकों की ब्राह्मणवादी पितृसत्ताक व्याख्या...