ये भागी हुई लड़कियाॅं ..!

यूॅं तो लड़कियाॅं आज ही नही भाग रही है , वो तो सदियों से भाग रही है, मन ही मन भाग रही है,ख्वाब में भाग रही है, उन घरेलू गुफाओं से धीरे-धीरे सकरे रास्तों से आडे-तिरछे निकल कर भाग रही है, किसी ने उनकी डायरी के पन्ने कभी खोल कर नही देखे वह वहाॅं भी भाग ही रही है, लड़कियों की कुल तादाद का बड़ा हिस्सा भाग ही रहा है,....

बोल्गा से गंगा, तुम्हारी क्षय हो के रचयिता ने दी समाज को नई उर्जा:...

अरुण नारायणकला संस्कृति एवं युवा विभाग और पटना संग्रहालय की संयुक्त पहल ‘जब हम...

पटना में याद की गयीं रमणिका गुप्ता

हित्यिक संगठन बागडोर, दूसरा शनिवार, समन्वय और कोरस की संयुक्त पहल पर पटना कॉलेज सेमिनार हॉल में इसका आयोजन संपन्न हुआ।उपस्थित लोगों ने रमणिका गुप्ता की फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित की, उनसे जुड़ी स्मृतियां साझी की और उनकी कविताओं का भी पाठ किया।

समकालीन महिला लेखन को संबोधित संगोष्ठी

पहले सत्र में मुंबई के कलाकारों की एक टीम 'जश्न- ए- कलम' की शश्विता शर्मा ने इस्मत चुग़ताई की प्रसिद्ध कहानी 'छुईमुई' तथा राजेश कुमार ने राजेंद्र यादव की कहानी 'किनारे से किनारे तक' की एकल प्रस्तुति की।

न मार्क्सवाद, न अंबेडकरवाद, न स्त्रीवाद , बस एक्सपोजर चाहिए और मंच

सुशील मानव  देश और समाज में  नफ़रत, वैमनस्य, असहिष्णुता, हताशा और मातम का माहौल है और साहित्य में लगातार एक के बाद उत्सव मनाए जा...

सो गया साज़ पे सर रख के सहर के पहले: संगीत में एक पुरोधा...

डॉ. श्यामरंग शुक्ल गुसाईं घराने के गायक डा. श्यामरंग शुक्ल अन्नपूर्णा देवी को याद कर रहे हैं.  तारा डूब गया। वह रोशनी रुक गई जो संगीत...

नफरत के खिलाफ “अमन की बातें”: महिलाओं की यात्रा का आज दिल्ली में...

स्त्रीकाल डेस्क  20 सितम्बर 2018 से देश की स्त्रियाँ "बातें अमन की" यात्रा पर हैं. यह यात्रा देश भर में अमन राग बिखेरते हुए अपने...

मेरा एक सपना है ! (मार्टिन लूथर किंग का उद्बोधन,1963)

 मार्टिन लूथर किंग, जूनियर  प्रस्तुति और अनुवाद : यादवेन्द्र    ‘मेरा एक सपना है’, 1963 में वाशिंगटन मार्टिन लूथर किंग, जूनियर द्वारा दिया गया प्रसिद्द भाषाण है, जो उन्होंने...

डॉक्टर मनीषा बांगर ‘वायस ऑफ पीपल’ सम्मान से हुईं सम्मानित !

 राजीव कुमार सुमन    14 सिंतबर 2018 को दिल्ली के माता सुंदरी रोड पर स्थित एवान-ए-गालिब ऑडिटोरियम में पल-पल न्यूज वेब पोर्टल की तरफ से...

मुनिरका से अमेरिका तक: कल्चरल शॉक और द्विध्रुवीय समानता के दृश्य

मुनिरका से अमेरिका तक-यह वाक्य हमेशा आप जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू ) में सुन सकते हैं. मतलब, जेनयू से निकलते ही लोग दो ही...

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मदर इंडिया: एक संघर्षरत भारतीय स्त्री की अमर कथा

अंशु यादव और अरुण कुमार मदर इंडिया: एक संघर्षरत भारतीय स्त्री की अमर कथा ‘मदर इंडिया’ फ़िल्म 25 अक्टूबर 1957 को प्रदर्शित हुई थी जिसके निर्माता...