अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
स्त्री रचनाधर्मिता और आंदोलन का आयोजन
गुलज़ार के नाम एक ख़त
रीतिकाल में स्त्रीं-यौनिकता का सवाल उर्फ देह अपनी बाकी उनका
अनिल पुष्कर की कविताएँ
कामसूत्र से अब तक
प्यार में टूटी सीमोन का खत प्रेमी के नाम
सुमंत की कविताएँ
रंग रेखाओं में ढली कविता
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा