अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
समाज का नजरिया बदलने वाली फोटोग्राफर संगीता महाजन
पारदर्शी अधोवस्त्र में कास्टिंग का आमंत्रण: मर्दवादी कुंठा या स्त्री सेक्सुअलिटी का प्रतीक?
थियेटर ऑफ रेलेवेंस – स्वराजशाला
जातिरूढ़ सास ‘अनारो’ की भूमिका में मैं अपनी सास को कॉपी कर रही हूँ
यौन सुख पर अपना दावा ठोंकने वाली महिलाओं की कहानी है – लस्ट स्टोरीज़
कान फिल्म महोत्सव में मेरी बेटी (बेटी की शिखर-यात्रा माँ की नजर में)
इन बिटवीन द एलिमेण्ट्स ऑफ़ पेण्टिंग, द बॉडी एंड द स्पेस (जयपुर में नवीन कलात्मक आगाज)
कल्पना पटोवारी द्वारा गाया गया और नवल कुमार द्वारा लिखित गीत कॉमनवेल्थ गेम्स में गूंजेगा
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा